अगर आप भी बना रहे हैं देहरादून का प्लान, तो जरूर जाएं इन जगहों पर

देहरादून, एक ऐसा शहर जो मशहूर है अपनी ख़ूबसूरती के लिए। यहां घूमने के लिए पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है। यहां 'आसन बैराज', 'गुच्चुपानी', 'बुद्धा टेंपल' जैसी कई फ़ेमस जगहें हैं। अगर आप देहरादून के रहने वाले हैं, तो यहां आप एक दिन में भी आराम से घूम सकते हैं और शायद घूमे भी होंगे। लेकिन, अगर आप देहरादून के रेहने बाले नहीं है और आप यहां पर घूमने के लिए जाना चाहते है तो देहरादून बेस्ट हैं, जहां आप अपना वीकेंड प्लान कर सकते हैं। इन जगहों पर जाने के लिए आपको हवाई यात्रा भी नहीं करनी होगी, बल्कि बाई रोड ही आप अपनी फ़ैमिली या दोस्तों के साथ यहां जा सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे देहरादून के उन सभी जगहो के बारे में जहां आप घूमने जा सकते हैं।

आसन बैराज

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को जोड़ती आसन झील का अपना ही एक अलग इतिहास है। देहरादून से 28 किलो मीटर की दूरी पर स्थित आसन बैराज साइबेरियन बर्ड के लिए फेमस स्पॉट है। यहा इन विदेशी मेहमानों को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में टूरिस्ट आते हैं। आप यहां मल्लाड्र्स, रेड क्रेस्टेड पोचाड्र्स, कूट्स, कोर्मोरंट्स, एग्रेट्स, वाग्तैल्स, पोंड हेरोंस, पलस फिशिंग ईगल्स, मार्श हर्रिएर्स, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल्स, ऑसप्रे और स्टेपी ईगल्स को देख सकते हैं। आपको बता दें अक्टूबर से नवंबर और फरवरी से मार्च तक यहां पक्षियों को देखने का सबसे अच्छा समय है।

बुद्धा टेंपल

राजधानी देहरादून की आईएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मीनल) से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही तिब्बती समुदाय धार्मिक स्थल है। जिसे बुद्धा मॉनेस्ट्री या बुद्धा गॉर्डन के नाम से जाना जाता है। मंदिर का अदभुत दृश्य टूरिस्ट को अपनी ओर अट्रैक्ट करता है। 

एफआरआई

देहरादून क्लॉक टॉवर से महज सात किलोमीटर की दूरी पर स्टेट का एक मात्र सबसे ओल्डेस्ट इंस्टीट्यूट स्थित है। एफआरआई के इतिहास के बारे में बात की जाए तो ब्रिटिश काल में 1878 में ब्रिटिश इंपीरियल वन स्कूल स्थापित किया गया। फिर 1906 में ब्रिटिश इंपीरियल वानिकी सेवा के तहत इंपीरियल वन अनुसंधान संस्थान (आईएफएस) के रूप में पुनस्र्थापना हुई। आपको बता दें 450 हेक्टेअर में फैला एफआरआई में कुल सात म्यूजियम हैं। एफआरआई का बॉलीवुड कनेक्शन भी गजब है, कई बड़े फिल्म निर्माता एफआरआई कैंपस में फिल्म की शूटिंग कर चुके हैं।

गुच्चुपानी या रावर्स केव

देहरादून सिटी के कैंट एरिया से कुछ ही दूरी पर पहाड़ों की बीच बसा एक प्राकृतिक स्पॉट, जहां गर्मियों के मौसम सैंकड़ों की संख्या पर्याटक पिकनिक मनाने आते हैं। पहाड़ों की बीच बसे इस गुफा से गिरता झरनों का पानी पर्याटकों को बहुत अट्रैक्ट करता है।

मालसी डीयर पार्क

देहरादून मसूरी मार्ग पर मालसी डीयर पार्क स्थित है। आपको बता दें की मालसी डीयर पार्क को मिनी जू के नाम से भी जाना जाता है। इस पार्क में मौजूद जानवर जैसे हिरण, चीतल, मोर तेंदूआ और ऐसे कई जानवरों की प्रजातियां हैं जो टूरिस्ट को काफी अट्रैक्ट करती है।

सहस्त्रधारा

प्रकृति के गोद में बसा सहस्त्रधारा की एक अपनी अलग और खास पहचान है। कोई सैलानी यहां पिकनिक सेलिब्रेट करने तो कोई प्रकृति के नजारों का आनंद लेने आता है। वैसे सहस्त्रधारा में एक तरफ जहां छोटे-छोटे झरने, पहाड़ के उपर मौजूद मंदिर है तो वही दूसरी तरफ बुद्धा मॉनेस्ट्री टूरिस्ट है जो लोगो को खूब अट्रैक्ट करती है। 

टपकेश्वर मंदिर

टपकेश्वर महादेव मंदिर एक लोकप्रिय गुफा मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह देहरादून शहर के बस स्टैंड से 5.5 किमी दूर स्थित एक तमसा नदी के तट पर है। आपको बता दें की मंदिर की गुफा में एक शिवलिंग है और गुफा की छत से पानी सीधे शिवलिंग पर गिरता है। मंदिर के चारों ओर सल्फर वाटर का झरना गिरता है। सल्फर वाटर स्किन से रिलेटेड बीमारी के लिए काफी लाभदायक होता है। हिंदू त्योहार शिवरात्रि के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं।

राजाजी नेशनल पार्क

राजाजी नेशनल पार्क देहरादून से 23 किमी की दूरी पर स्थित है। राजाजी पार्क अपने शानदार पारिस्थितिकी तंत्र के कारण लोगों को बहुत प्रभावित करता है। राजाजी, मोतीचूर और चिल्ला रेंज से घिरा हुआ है, जिस कारण यहां की प्राकृतिक लोगों को अपनी ओर अट्रैक्ट करती है। आपको बता दें यह पार्क हाथी की आबादी के लिए जाना जाता है। यहां स्तनधारियों की 23 और पक्षियो की 315 प्रजातियां पाई जाती हैं।

माल देवता

प्रकृति के गोद में बसा माल देवता का दृश्य हर किसी के मन को मोह लेता है। कहते हैं कि देहरादून आए और माल देवता का विजिट नहीं किया तो आपने बहुत कुछ मिस कर दिया। माल देवता में पहाड़ों से गिरने वाले छोटे-छोटे झरने टूरिस्ट को अट्रैक्ट ही नहीं बल्कि उन्हें वहां वक्त गुजारने पर मजबूर कर देता है।

गुरु राम राय दरबार साहिब

देहरादून शहर के सेंटर में स्थित दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज महान स्मारक का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। वास्तव में देहरादून शहर का नाम भी इसी गुरु राम राय जी बदौलत ही है। दरबार साहिब की अपनी अलग मान्यता है, यहां साल में लगने वाले झंडा जी मेले में हजारों की संख्या में लोग देश-विदेश आते हैं। झंडा जी मेला देहरादून का सबसे बड़ा लगने वाला मेला है।