हनुमान की जन्म नगरी में बनेगा भव्य हनुमान मंदिर, स्थापित होगी दुनिया की सबसे ऊंची हनुमान प्रतिमा

सभी हनुमान भक्तों के लिए खुशखबरी है! अयोध्या में राम जन्मभूमि की तर्ज पर अब कर्नाटक के पंपापुर में हनुमान जी की सबसे ऊंची मूर्ति और भव्य मंदिर के निर्माण की तैयारी है। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरह ही हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है। इस बात की जानकारी श्री हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने सोमवार को दी। इसके साथ ही स्वामी गोविंदानंद सरस्वती ने यह घोषणा भी की है कि हनुमत ट्रस्ट की ओर से राममंदिर ट्रस्ट को 100 फीट का रथ भेंट किया जाएगा। दो करोड़ की लागत से दो साल में इस रथ को तैयार किया जाएगा।  

पंपापुर में बनेगी 215 मीटर ऊंची हनुमान जी की मूर्ति
आपको बता दें कि श्री हनुमत जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पंपापुर में स्थापित की जा रही बजरंगबली की इस प्रतिमा की ऊँचाई 215 मीटर होगी।  आपको बता दें कि अयोध्या में भगवान श्री राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा है।  ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती ने बताया कि 1200 करोड़ की लागत से अंजना गिरी पर्वत में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की जाएगी और यहां एक भव्य मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा।  इसके लिए हनुमत जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रथ यात्रा निकालकर चंदा इकट्ठा करेगा।
 

इसे भी पढ़ें: माता का ऐसा अनोखा मंदिर जहाँ धरना देने से पूरी होती है भक्तों की सभी मनोकामनाएँ


रामायण से है पंपापुर का संबंध
किष्किंधा जिसे आज कर्नाटक का हम्पी शहर कहा जाता है, तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है।  बाल्मीकि रामायण में इसे पहले बालि और उनके पश्चात सुग्रीव का राज्य बताया गया है।  श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान का जन्म स्थान इसी क्षेत्र के पंपापुर किष्किंधा को माना जाता है।  

पूरे देश से लिया जाएगा दान, 12 वर्ष लंबी यात्रा निकाली जाएगी
स्वामी गोविंद आनंद सरस्वती ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, "अयोध्या और किष्किंधा साम्राज्य की परंपरा 17 लाख वर्ष पुरानी है।  उस परंपरा को जिंदा रखने के लिए एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो दूसरी ओर कर्नाटक के किष्किंधा में हनुमान जी के भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।  हनुमान जी के मंदिर की स्थापना के लिए वह पूरे देश में एक यात्रा निकालेंगे।  इस यात्रा की अवधि 12 वर्ष की होगी।  यात्रा के दौरान दान स्वरूप धन इकट्ठा करते हुए किष्किंधा साम्राज्य में हनुमान प्रतिमा और मंदिर की स्थापना होगी।  इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। "

उन्होंने यह भी कहा कि, "त्रेतायुग में भगवान राम किष्किंधा गए थे।  उसी परंपरा को जीवित रखने के लिए किष्किंधा में 215 मीटर ऊंची हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की जा रही है।  मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली में करीब 20 एकड़ भूमि में होगा।  हनुमान जी की 215 मीटर ऊंची मूर्ति कॉपर प्लेट से बनेगी, मूर्ति के हृदय में भगवान राम और सीता विराजमान होंगे।  हनुमान जी के हृदय में स्थित प्रभु राम और मां सीता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को लिफ्ट से जाना होगा।  मूर्ति के दाहिनी और बाईं ओर दो अलग-अलग लिफ्ट लगाई जाएंगी।  मंदिर और मूर्ति 12 वर्षों में बनकर तैयार होंगे।"