यह पढ़कर रह जाएँगे दंग! यहाँ पर सिर्फ काले बच्चे रहते हैं जीवित

जब भी किसी घर में बच्चे का जन्म होता है तो पूरा परिवार खुशियाँ मनाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में बच्चे के जन्म  को लेकर अलग-अलग परम्पराएं होती हैं। जब एक महिला गर्भवती होती है उसकी खास देखभाल की जाती है। आज के समय में भी हमारे समाज में गोर-काले रंग में भेदभाव किया जाता है। ज्यादातर लोगों की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा गोरा पैदा हो। कई जगहों पर गर्भवती महिलाओं के खानपान का विशेष ध्यान रखा जाता है जिससे बच्चा गोरा पैदा हो।  लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ बच्चे को पैदा होते ही मार दिया जाता है। जी हाँ, यह बात आपको पढ़ने में जरूर अजीब लग रही होगी लेकिन यह सच है। हमारे देश में एक ऐसी जगह है जहाँ बच्चा गोरा पैदा हो तो उसे मार दिया जाता है।   

गोरा बच्चा पैदा होने पर मार दिया जाता है  
यह प्रथा केंद्र शासित प्रदेश अंडमान की जारवा जनजाति की है। यहाँ के लोग अपने ही बच्चे को मार देते हैं और इसके पीछे की वजह बहुत ही विचित्र है। दरअसल, अगर इस जनजाति में कोई बच्चा गोरा पैदा होता है तो उसे मार दिया जाता है। यहाँ के लोगों का मानना है कि अगर बच्चा गोरा होगा तो वह उस प्रजाति के लोगों से अलग दिखेगा। इससे वह खुद को समुदाय से अलग समझेगा। 

काले बच्चे के जन्म के लिए गर्भवती महिला को पिलाया जाता है जानवरों का खून 
आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि इस जनजाति की स्त्रियाँ काले बच्चे को जन्म देने के लिए जानवरों के खून का सेवन करती हैं। माना जाता है कि जानवरों का खून पीने से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु का रंग गहरा होता है। 

बाहरी लोगों के आने पर है प्रतिबंध 
एक मीडिया पोर्टल पर दी गई जानकारी के अनुसार, जारवा जनजाति पर अध्ययन कर रहे शोधकर्ता डॉ रत्न चंद्राकर के मुताबिक, नवजात शिशु को समुदाय से जुड़ी सभी महिलाऐं स्तनपान करवाती हैं। जारवा जनजाति की मान्यताओं के अनुसार इससे समुदाय की शुद्धता बनी रहती है। इतना ही यहाँ, विदेशी या बाहरी लोगों के आने पर भी प्रतिबंध है।