Honest Village in India: आज भी मौजूद है ईमानदारी, नागालैंड का ये गांव जहाँ बिना ताले चलती हैं दुकानें
आजकल के समय में चोरी और धोखाधड़ी इतनी ज्यादा बढ़ गई है, जिसके कारण ज्यादातर लोग किसी पर आसानी से भरोसा नहीं कर पाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा गांव है, जहां पर दुकान या कोई भी चीज सिर्फ ईमानदारी के भरोसे पर चलती है। अगर आपको भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है, तो यह आर्टिकल आपके लिए खास हो सकता है। क्योंकि आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर दुकानों में ताले नहीं लगाए जाते हैं और इसके बाद भी यहां पर कभी चोरी नहीं होती है।
दुकानों पर नहीं लगते हैं ताले
भारत देश में एक ऐसा गांव है, जहां पर दुकान तो हैं, लेकिन इन दुकानों पर कोई दुकानदार नहीं है और न ही दुकानों पर ताला लगता है। इसके बाद भी लोग ईमानदारी के साथ दुकान से जरूरत का सामान लेकर पैसा रखकर चले जाते हैं। वैसे तो इस जमाने में ऐसा गांव या शहर मिलना काफी मुश्किल है। जहां पर दुकान तो हैं, लेकिन दुकानदार नहीं हैं और दुकानों पर ताले भी नहीं हैं। भारत के नागालैंड के खोनोमा गांव अपने भरोसे और विश्वास के लिए पूरे भारत में फेमस है।
नागालैंड का खोनोमा गांव
नागालैंड के खोनोमा गांव पूरे भारत में ईमानदारी के लिए फेमस है। इस गांव में बिना दुकानदार के सालों से दुकानें लगी हुई हैं। जहां पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से सामान खरीद सकते हैं। हालांकि यह फ्री नहीं है आपने जितने का सामान लिया है, उतने पैसे दुकान पर रखकर जा सकते हैं। गांव का कोई भी दूसरा व्यक्ति उन पैसों को नहीं छुएगा और न ही कोई धोखा देकर ज्यादा सामान लेकर जाएगा।
जानिए भारत का पहला ग्रीन विलेज
इस गांव के बारे में जानकर हैरान रह गए होंगे। कई रिपोर्ट्स की मानें, तो इस गांव में सालों से ईमानदारी के भरोसे पर रह रहे हैं। नागालैंड के इस अनोखे गांव यानी की खोनोमा गांव को भारत का पहला ग्रीन विलेज भी कहा जाता है। जोकि ईमानदारी के लिए फेमस है। यह गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरे भारत में फेमस है।
नहीं हुई चोरी और न कोई गुनाह
बता दें कि इस गांव की ईमानदारी पूरे भारत में जानी जाती है। यहां पर इतने सालों से दुकानों में ताला नहीं लगता है। लेकिन इसके बाद भी यहां पर न तो आज तक चोरी हुई और न कोई गुनाह हुआ है। इस गांव के लोगों में आज भी इतनी ईमानदारी है कि लोग जितने का सामान खरीदते हैं, उतने पैसे दुकान में जमा कर देते हैं।