मध्य प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है 'पचमढ़ी', पौराणिक कथाओं में भी है इसका जिक्र

पचमढ़ी, मध्य प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है, जो 1110 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह सतपुड़ा की रानी या क्वीन ऑफ़ सतपुड़ा के नाम से भी मशहूर है। यह हिल स्टेशन यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस जगह पर पांडवों नको उनके निर्वासन के दौरान आश्रय मिला था। पचमढ़ी में कई पर्यटन स्थल हैं जिसमें कई गुफाएं, झरने, पहाड़ियां, मंदिर और वन्यजीव अभ्यारण्य शामिल हैं। इस हिल स्टेशन की प्राकृतिक खूबसूरती इसे पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बनाते हैं। आज के इस लेख में हम आपको पचमढ़ी के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे - 

बी फॉल्स
बी फॉल्स, पचमढ़ी में स्थित एक खूबसूरत झरना है। इसे जमुना प्रपात के नाम से भी जाना जाता है। यह जलप्रपात पचमढ़ी घाटी के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराता है। यह झरना एक सुंदर भनभनाहट के साथ बहता है इसलिए इसे बी फॉल्स के नाम से जाना जाता है। स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के बीच, बी फॉल्स एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट के तौर पर प्रसिद्ध है। बी फॉल्स में लोग अक्सर तैराकी के लिए जाते हैं। रोमांच पसंद करने वाले लोग धारा को पार करके, बी फॉल्स के माध्यम से दूसरे स्नान कुंड रजत प्रपात तक पहुंच सकता है।

पांडव गुफाएं 
पचमढ़ी में घूमने के लिए पांडव गुफाएं सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। शानदार सतपुड़ा पर्वतमाला की पृष्ठभूमि के साथ, पांडव गुफा 5 रॉक-कट बौद्ध मंदिरों का एक समूह है। पौराणिक स्रोतों से पता चलता है कि पांडव अपने निर्वासन के दौरान इन मंदिरों में रुके थे, इसलिए इसका यह नाम पड़ा। 9वीं शताब्दी में बने इन मंदिरों को सुंदर मूर्तियों और नक्काशी से सजाया गया है।

धूपगढ़  
धूपगढ़, सतपुड़ा श्रेणी का सबसे ऊँचा शिखर है, जिसकी ऊंचाई 1350 मीटर है। यह न केवल पचमढ़ी का उच्चतम बिंदु है बल्कि मध्य प्रदेश और मध्य भारत का उच्चतम बिंदु भी है। पचमढ़ी में सूर्यास्त देखना एक अद्भुत अनुभव है। इसके अलावा, यह स्थान एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल भी है। पर्यटकों के बीच, धूपगढ़ घूमने का सबसे अच्छा मौसम मानसून के दौरान होता है। बारिश के मौसम में यह स्थान बादलों से आच्छादित होता है। 

जटा शंकर गुफाएं 
जटा शंकर गुफाएं, पचमढ़ी के सबसे पवित्र स्थलों में से एक हैं। प्रचलित लोककथाओं के अनुसार, यह वह स्थान माना जाता है जहां भगवान शिव ने भस्मासुर के प्रकोप से खुद को छुपाया था। जटा शंकर गुफाएं एक विशाल चट्टान की छाया के नीचे एक प्राकृतिक शिवलिंगम का दावा करती हैं। इसके साथ ही, गुफा में पत्थर का निर्माण शेषनाग से मिलता जुलता है। वहीं, गुफाओं में चट्टान का निर्माण भगवान शिव के उलझे हुए बालों से मिलता जुलता है, इसलिए इसका यह नाम पड़ा।

बड़ा महादेव गुफा 
बड़ा महादेव गुफा, पचमढ़ी से लगभग 10 किमी दूर स्थित है। यह भगवान महादेव का एक पवित्र तीर्थ है। यह 60 फीट लंबी गुफा है, जिसके अंदर भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान गणेश के भी मंदिर हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, बड़ा महादेव गुफा वह स्थान है जहां भगवान विष्णु ने एक दिव्य सौंदर्य मोहिनी का रूप लेकर राक्षस भस्मासुर का वध किया था। इसमें गुफा से लगातार पानी गिरता रहता है जो एक कुंड में जमा हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से कई बीमारियों का इलाज होता है। 

रजत प्रपात
रजत प्रपात, पचमढ़ी का सबसे बड़ा जलप्रपात है। इस जलप्रपात का नाम रजत प्रपात इसलिए पड़ा क्योंकि जब इस पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो यह चांदी के रंग में चमकता है। रजत प्रपात को 'सिल्वर फॉल' के नाम से भी जाना जाता है। यह झरना 107 मीटर की ऊँचाई से गिरता है। यह भारत का 30वां सबसे ऊंचा जलप्रपात है। रजत प्रपात को सतपुड़ा की रानी कहा जाता है।