प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक जीवंतता का प्रतीक है कर्नाटक का यह शहर

बेलगाम, कर्नाटक का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। इसे बेलगावी के नाम से भी जाना जाता है और यह शहर कर्नाटक में पश्चिमी घाट की उत्तरी तलहटी में बसा है। मंत्रमुग्ध कर देने वाले हरे भरे जंगल, पहाड़ और नदियाँ इस शहर की सुंदरता को और अधिक बढ़ाते हैं। यह शहर महाराष्ट्र और गोवा के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है और ऐतिहासिक रूप से 12 वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व का है। प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थलों की पेशकश, बेलगाम में पर्यटकों के आकर्षण की कोई कमी नहीं है। बैंगलोर से लगभग 500 किमी दूर स्थित, शहर में कई पर्यटक आकर्षण हैं जो देखने लायक हैं। आज के इस लेख में हम आपको बेलगाम के कुछ प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं -

बेलगाम झरना 
बेलगाम किला, शहर के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। माना जाता है कि बेलगाम किला 1204 ईस्वी में रट राजवंश के शासकों द्वारा बनाया गया था। इसे बेलगावी किले के रूप में भी जाना जाता है। किले के प्रवेश द्वार पर देवी दुर्गा और गणपति के मंदिर हैं। वहीं, किले की वास्तुकला चालुक्य, दक्कन और इंडो-सरसेनिक कला रूपों का मिश्रण है। किले क्षेत्र के अंदर कई हिंदू और जैन मंदिर और मस्जिद हैं।

दूधसागर झरना 
दूधसागर झरना कर्नाटक-गोवा की सीमा में मंडोवी नदी पर स्थित एक चार-स्तरीय शानदार झरने हैं। दूधसागर झरना, भगवान महावीर अभयारण्य और पश्चिमी घाटों के बीच मोलेम राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। झरने की मंत्रमुग्ध कर देने वाली सुंदरता देशभर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करती है। दूधसागर का शाब्दिक अर्थ है - "दूध का सागर" और दूध के अतिप्रवाह सागर की तरह दिखाई देने के कारण इसका यह नाम पड़ा है। मानसून के दौरान जलप्रपात अपने चरम प्रवाह पर होता है।

कपिलेश्वर 
कपिलेश्वर मंदिर, बेलगाम शहर में एक पवित्र मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे दक्षिणी काशी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पूरे भारत में फैले 12 ज्योतिर्लिंग की यात्रा, कपिलेश्वर के दर्शन के बिना अधूरी रहेगी। ऐसा माना जाता है कि यहाँ शिवलिंग स्वयंभू है और कमल बस्ती के शिलालेख में मंदिर के संदर्भ हैं। मंदिर के परिसर में बरगद, पीपल और फिकस के पेड़ों का एक दुर्लभ समूह है। मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। कपिलेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

गोकक फॉल्स 
घाटप्रभा नदी पर स्थित गोकक फॉल्स, बेलगाम में घूमने के लिए सबसे दर्शनीय स्थानों में से एक है। झरने के ऊपर एक लटकता हुआ पुल है, जहाँ से झरने की धारा के आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। पर्यटक झरने और उसके आसपास की सुंदरता की यात्रा करने के बाद, पास में स्थित सदियों पुराने भगवान महालिंगेश्वर मंदिर भी जा सकते हैं।
 

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अंबोली 
बेलगाम में स्थित अंबोली, खूबसूरत पहाड़ियों पर स्थित एक सुरम्य हिल स्टेशन है। यह दुनिया के 'इको हॉट-स्पॉट' में से एक है और इसमें वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता है। इस जगह में अविश्वसनीय रूप से उच्च वर्षा होती है जो चारों ओर से पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसमें कई प्राकृतिक झरने हैं। किंवदंती है कि अंबोली में 108 शिव मंदिर हैं, जिनमें से केवल एक दर्जन का ही खुलासा हुआ है। हिरण्यकेशी नदी का स्रोत अंबोली की पहाड़ी में स्थित है, जहां एक प्राचीन शिव मंदिर मौजूद है।

फोर्ट झील
फोर्ट झील, जिसे कोटे केरे के नाम से भी जाना जाता है, बेलगाम शहर के पिकनिक स्थलों में से एक है। फोर्ट झील, बेलगाम किले के दुर्गा मंदिर प्रवेश द्वार के ठीक सामने स्थित है। यह झील यहाँ आने वाले पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। फोर्ट की झील के चारों ओर हरी-भरी हरियाली है, जहाँ पर्यटक टहल सकते हैं। झील के पानी पर पर्यटकों के लिए पेडल बोट और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट की व्यवस्था है। फाउंटेन शो हर शनिवार और रविवार को शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित किए जाते हैं।