अंतरिक्ष की ऐसी हैरान कर देने वाली बातें जिनके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना होगा

अक्सर बचपन में जब कोई हमसे पूछता है कि बड़े होकर क्या करना चाहते हो तो हम जवाब देते हैं कि मुझे बड़े होकर चाँद पर जाना है। हम में से बहुत से लोगों को बचपन से ही चाँद-सितारों और अंतरिक्ष की दुनिया के बारे  में जानने में बहुत दिलचस्पी होती है। अक्सर हमारे मन में सवाल आता है कि वहाँ की दुनिया यहाँ से कितनी अलग होगी। आजकल ऐसी बहुत सी साइंस-फिक्शन मूवीज़ हैं जिनके जरिए हम अंतरिक्ष की दुनिया को देखते और जीते हैं। ये मूवीज़ देखकर हर कोई उस अलग दुनिया में जाना चाहता है जहाँ सब कुछ बिल्कुल अलग और रहस्मयी है। आज के इस लेख में हम आपको स्पेस से जुड़ी कुछ ऐसी ही दिलचस्प बातें बताएंगे जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे -  

क्या आप जानते हैं कि अंतरिक्ष में जाने से आपका कद तीन गुना बढ़ सकता है। जी हाँ, स्पेस में छह महीने बिताने के बाद अंतरिक्षयात्रियों की लंबाई तीन गुना बढ़ जाती है। दरअसल, अंतरिक्ष में ग्रेविटी (गुरुत्वाकर्षण) का कोई असर नहीं होता जिसकी वजह से अंतरिक्ष में जाने पर कद बढ़ जाता है। यही कारण है कि स्पेस से लौटने के बाद अंतरिक्षयात्री अपनी वास्तविक लंबाई से तीन गुना ज्यादा लंबे हो जाते हैं। हालाँकि, ऐसा अस्थाई रूप से ही होता है और कुछ महीनों के बाद कद पहले जितना ही हो जाता है।    

सिर्फ कद ही लंबा नहीं, अंतरिक्ष में ग्रेविटी का असर ना होने से कई और अनोखी चीज़ें भी होती हैं। जब हम धरती पर पानी उबालते हैं तो उसमें कई हज़ार बुलबुले बनते हैं लेकिन अंतरिक्ष में ऐसा नहीं होता। अगर आप स्पेस में पानी उबालेंगे तो उसमें सिर्फ एक बड़ा सा बुलबुला बनेगा। रिसर्चर्स के अनुसार यह भी ग्रेविटी के कारण ही होता है। इस से प्रेरित होकर साइंटिस्ट्स स्पेसक्राफ्ट के जल्दी ठंडा होने के तरीके तलाश रहे हैं।  

स्पेस में सिर्फ इंसान ही नहीं बैक्टेरिया में भी बदलाव आते हैं। कई सालों की रिसर्च के बाद यह सामने आया है कि अंतरिक्ष में बैक्टेरिया और जर्म्स की जेनेटिक प्रॉपर्टीज (अनुवांशिकता) में बदलाव हो जाता है। इसकी वजह से स्पेस में बैक्टीरिया धरती की तुलना ज़्यादा तेज़ी से बढ़ते हैं और ज़ायदा खतरनाक हो जाते हैं। रिसर्चर्स इस पर लगातार स्टडी कर रहे हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी मदद से मेडिकल साइंस में कुछ नए प्रयोग हो सकेंगे।  

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस में बिना कोला-सोडा के ही रहना पड़ता है। दरअसल, स्पेस में ग्रेविटी ना होने की वजह से वहां गैस के बुलबुले कुछ असर नहीं करते। इस वजह से स्पेस में कोला-सोडा पीने के बाद भी डकार नहीं आती है। हालंकि, ऑस्ट्रेलिया में स्पेस बियर पर प्रयोग चल रहे हैं ताकि स्पेस में भी कोला एंजॉय किया जा सके।  

ऐसा मुमकिन  है कि आपके फूलों की खुशबू अंतरिक्ष में जाकर एकदम बदल जाए। दरअसल, स्पेस में अलग तापमान, मौसम और कई अन्य चीज़ों का असर  पौधे से पैदा होने वाला तैलीय तत्वों पर होता है। इस वजह से अंतरिक्ष में फूलों की खुशबू बदल जाती है। जापान की एक परफ्यूम कंपनी ने अंतरिक्ष की अलग खुशबू को पकड़कर अपने एक परफ्यूम ज़ेन में लाने की कोशिश की है। 

क्या आप जानते हैं कि अगर आपको स्पेस में पसीना आया तो इससे आपको काफी परेशानी हो सकती है। अंतरिक्ष में ग्रेविटी का असर ना होने के कारण वहां पसीना ना तो सूखता है और ना ही टपकता है। इस वजह से स्पेस में अगर कहीं पसीना आए तो वहीं बना रहता है।