सर्दियों में केदारनाथ के नाम से मशहूर स्वर्णिम ऊखीमठ, आस्था नगरी के साथ-साथ बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन

भगवान शिव को समर्पित मंदिर ऊखीमठ को सर्दियों का केदारनाथ भी कहा जाता है। ऊखीमठ यानी सर्दियों के केदारनाथ कहीं जाने वाली यह मंदिर के साथ साथ बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन भी है। जो हिमालय के दिल में बस जाने वाले नजारों को दर्शाता है। सर्दियों में केदानाथ धाम के दरवाजे बंद होने पर  यहां भगवान शिव को स्थापित किया जाता है। उखीमठ उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह मंदिर समुद्रतल से करीब 1300 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां पूरे देश से लोग आते है और यह हिल स्टेशन भक्तों और पर्यटकों दोनों द्वारा काभी पसंद किया जाता है।

सर्दियों में उखीमठ 
सर्दियों में यह स्थान भगवान केदारनाथ और भगवान मध्यमहेश्वर का घर हो जाता है, क्योंकि बर्फबारी के वज़ह से यहां पहुंचना मुश्किल हो जाता है। यह सर्दियों में हिमालय की चोटियों के शानदार नज़ारों को महसूस करने की शक्ति प्रदान करता है। यह बर्फ से पूरी तरह ढंके होते हैं।

उखीमठ की धारणाएं
ऐसा माना जाता है कि वनसुर की बेटी (उषा) और भगवान कृष्ण के पोते (अनिरुद्ध) ने यहाँ विवाह किया था। इसलिए ऊषा के नाम पर इस स्थान का नाम उषामथ रखा गया था, अब इसे ऊखीमठ के नाम से जाना जाता है। ऊखीमठ को उषा, भगवान शिव, देवी पार्वती, अनिरुद्ध और मांधाता को समर्पित प्राचीन मंदिरों मे एक मुख्य स्थान मिला है। ऊखीमठ के प्रमुख पुजारी मुख्य रूप से रावल रहते है। मंदिर में, मंधाता की एक पत्थर की मूर्ति है।
 
मान्यता यह है कि एक सम्राट ने अपने अंतिम वर्षो के दौरान अपने साम्राज्य और सब कुछ छोड़ दिया था और ऊखीमठ  आए और एक पैर पर खड़े होकर 12 सालों तक तपस्या की थी। अंत में भगवान शिव ध्वनि ओंमकार के रूप में प्रकट हुए और आशीर्वाद दिया। उसी दिन से इस स्थान को ओंकारेश्वर के नाम से जाना जाने लगा। ऊखीमठ से साफ दिन में केदारनाथ शिखर, चौखम्बा और हरी सुंदर घाटी का दृश्य देखा जा सकता है। यहां से शानदार हिमालय श्रृंखला की बर्फ से ढकी चोटियां भी  स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। यहां सीधी बस सेवा द्वारा रुद्रप्रयाग गौरीकुंड, गुप्तकाशी और श्रीनगर के साथ जुड़ा हुआ है।

उखीमठ जाने का समय
उखीमठ साल के किसी भी महीने में जाया जा सकता है, सिवाय बारिश के महीनों में क्योंकि उस समय सड़क बंद होने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और जाम के साथ-साथ लैंडस्लाइड का भी खतरा बना रहता है। यहां गर्मियों में बेहतरीन मनमोहक मौसम रहता है और साथ ही यहां सर्दियों में भी तापमान काफी कम रहता है। यह स्थान हर समय में अच्छी हरियाली और सुंदर नजारों को दिखाया है।
 
ऊखीमठ में आप भगवान केदारनाथ को समर्पित ओमकारेश्वर मंदिर के दर्शन कर सकते है। यहां भक्तों को बहुत सुकून मिलता है। इसके अलावा यहां आप ट्रेकिंग भी कर सकते है। यहां पर आपको केदारनाथ के रेप्लिका और भगवान की तस्वीरें मिल जाएंगे जिसे आप अपने साथ घर भी ले जा सकते हैं। अपनी यात्रा यादगार करने के लिए यहां से ले जाया जा सकता है।

कैसे जाए उखीमठ 
यहां पहुंचने के लिए आप सड़क, रेल और हवाई तीनों मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं। आप चाहें तो सबसे नजदीक (लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर है) देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से जा सकते हैं। उसके बाद यहां बाहर से ही आपको बस, कैब और टैक्सी मिल जाएंगी, जो आसानी से आपको वहां तक छोड़ देंगी। अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो ऋषिकेश का रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है (लगभग 174 किलोमीटर की दूरी पर है) आप ऋषिकेश से आसानी से कैब या बस या टैक्सी लेकर यहां पहुंच सकते है। इसके अलावा यहा सड़क मार्ग से राज्य के बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां उत्तराखंड की लोकल बसें भी आपको आसानी से बड़े शहरों से मिल जाएंगी जो आपको ऊखीमठ तक पहुंचा देंगी।