आगरा में ताजमहल के अलावा भी ये सारी जगहें जो करती हैं पर्यटकों को आकर्षित

आगरा का नाम सुनते ही सबसे पहले अगर कुछ मन में आता है तो वो है ताजमहल। यही वजह है कि आगरा को ताजमहल का शहर के रूप में भी जाना जाता है। आपको बता दे की आगरा भारत के उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के तट पर बसा एक शहर है। आगरा का ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक माना जाता है और ये हमारे देश भारत के लिए गौरव की बात है। लेकिन आगरा में केवल ये ही एक चीज देखने लायक नहीं है, बल्कि कई ऐसी जगहें हैं, जो आगरा को भारत का खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाती हैं। तो आज की इस रिर्पोट में हम आपको बताएंगे आगरा में घूमने वली जगहों के बारे में।

ताजमहल

 

ताजमहल को दुनिया में सबसे सुंदर इमारत के रूप में माना जाता है। इसे “प्रेम का प्रतीक” भी कहा जाता है। आपको बता दे इसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी तीसरी पत्नी मुमताज़ महल के स्मारक के रूप में बनवाया था। जिसे देखने के लिए हर साल आगरा की पूरी आबादी से अधिक लोग आते है। और यह जगह आने वाले पर्यटक को खूब लुभाती है इस स्मारक की एक झलक पाने के लिए पर्यटक बेचैन रहते हैं। ताजमहल को फारसी भाषा में “क्राउन ऑफ पैलेस” कहा जाता है। इसे मुगल वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है और अब यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। 

ताजमहल के निर्माण को पूरा करने में लगभग 17 साल लग गए और अंत में इसे 1653 तक पूरा किया गया। मकबरे को एक आयताकार आकार में बनाया गया है। प्रवेश द्वार में पानी के चैनल और फव्वारे हैं जो स्मारक को और भी शानदार बनाते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत है। आपको बता दे की ताजमहल शुक्रवार को पर्यटकों के लिए बंद रहता है।

अकबर का मकबरा

 

विश्व प्रसिद्ध ताज महल के अलावा आगरा में ऐसी बहुत सी चीजें है जो काफी चर्चित है। इन्हीं में से एक है अकबर महान का मकबरा। सिकंदरा में स्थित यह मकबरा 119 एकड़ में फैला हुआ है। आपको बता दे की इस मकबरे को बनने में लगभग 8 साल लगे, जिसका निर्माण कार्य अकबर के द्वारा 1605 में शुरू करवाया गया था और उनके बेटे जहांगीर ने इसको पूरा करवाया। इस मकबरे को संगमरमर और लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है और इसमें मुस्लिम और हिन्दू वास्तुशिल्प शैली का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है। इसमें प्रयुक्त संगमरमर में खूबसूरत नक्काशी की गई है और इसे आभूषणों से सजाया गया है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

मरियम उज-जमानी महल

 

मरियम बादशाह अकबर की पहली राजपूत पत्नी थी। वह अंबेर के कचवाहा राजपूत सेनापति राजा भारमल की सबसे बड़ी बेटी थी। इसी अंबेर को आज अजमेर के नाम से जाना जाता है।  आपको बता दे की मरियम ने ही अकबर के बहुप्रतापि बेटे सलीम को जन्म दिया था, जिसे बाद में नुरुद्दीन सलीम जहांगीर के नाम से जाना गया। इसी कारण उन्हें मरियम उज-जमानी का खितबा दिया गया।  मरियम उज-जमानी की मृत्यु के बाद उसके बेटे जहांगीर ने उनके नाम पर इस महल को बनवाया था। यह महल अकबर के मकबरे के करीब ज्योति नगर में तंतपुर रोड पर स्थित है। इस महल के प्रांगण के चारों ओर कई सारे कमरे बने हुए हैं। महल के उत्तरी छोर पर एक बाग भी है, जो एक पुल के जरिए महल से जुड़ा हुआ है।

मुसम्मन बुर्ज

 

आगरा के किले में यह मुगल बादशाह शाहजहां के दीवान-ए-खास के पास स्थित है। 17वीं शताब्दी में शाहजहां ने इस अष्टभुज आकार के बुर्ज का निर्माण अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल को श्रद्धांजलि देने के लिए करवाया था। पर्यटक यहां से ताजमहल का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। आपको बता दे की इस बहुमंजिला बुर्ज कई महंगे पत्थरों और संगमरमर से सजाया गया है। हॉल के छत को संगमरमर के गुंबद से ढंका गया है, जिसके चारों ओर एक बरामदा भी है। दुर्भागय बात यह है की शाहजहां और उनकी बेटी जहांआरा बेगम को उनके बेटे औरंगजेब ने यहीं पर कैद किया था।

गुरू का ताल

 

आगरा के बाहरी इलाके में सिकंदरा और बालुचपुरा स्टेशन के पास स्थित गुरु का ताल एक ऐतिहासिक सिख गुरुद्वारा है। इस गुरुद्वारे को 1970 में संत बाबा साधू सिंह जी मुनी के नेतृत्व में मुख्य रूप से सिख समुदाय के योगदान से बनवाया गया था। इस गुरुद्वारे में एक ऐतिहासिक महत्व वाला ताल है, इसी ताल में गुरु तेग बहादुर ने अपने बाजुओं को रख अपने आप को मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना के हवाले कर दिया था। आपको बता दे की इस गुरुद्वारे को लाल पत्थर से मुगल वास्तुशिल्प शैली में बनाया गया था। यही कारण है कि यह आगरा के किले से काफी मिलता-जुलता है। यहा न सिर्फ शहर, बल्कि दूर-दराज से भी हर धर्म के हजारों श्रद्धालू हर साल इस गुरुद्वारे आते हैं।

आगरा का किला

 

आगरा के किले को लाल किला भी कहा जाता है। आपको बता दे की इस किला का रंग और डिजाइन  दिल्ली स्थित लाल किले से काफी मिलती है। दोनों ही किले का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। यही कारण है कि जब पर्यटक आगरा के किले को देखते हैं, तो उन्हें दिल्ली का लाल किला याद आ जाता है। ताजमलह के बाद यह आगरा का दूसरा विश्व धरोहर स्थल है। इसका निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने 1565 में करवाया था। शाहजहां ने इसे संगमरमर और खूबसूरत नक्काशी से और भी खूबसूरत बना दिया। इस किले को अर्धचन्द्राकार आकृति में बनाया गया है और यह यमुना नदी के सामने स्थित है।

राम बाग

इस बाग को आराम बाग और बाग-ए-गुल अफसान के नाम से भी जाना जाता है। राम बाग का  निर्माण भारत में पहले मुगल बादशाह बाबर ने 1528 में करवाया था। यह बाग ताजमहल से करीब 5 किमी दूर है। चारों ओर फैला हुआ यह भव्य बाग नहर के जरिए चार भागों में बंटा हुआ है। राम बाग को इस्लाम में जन्नत के बाग या चारबाग का प्रतीक माना जाता है। बाग के नहर में पानी यमुना नदी से तीन चबूतरों पर बने झरने से आता है। आपको बता दे की इस बाग में दो गुंबददार इमारत भी है, जिसका रुख यमुना नदी की ओर है। और तो और इसमें एक तयखाना है, जिसमें कड़ी गर्मी के समय शाही परिवार रहने आते थे। इस बाग में ढेर सारे तिरछे पानी के रास्ते और फव्वारे हैं जो इनकी खूबसूरती को बढ़ाता है। 

आगरा तक कैसे पहुंचें

उत्तर भारतीय राज्य, उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर है, जिसकी वजह से, आगरा एयरवे, सड़क और रेलवे के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

बाइ एयर

आगरा हवाई अड्डे शहर के केंद्रीय के लिए इसकी विशिष्टता प्राप्त है। आपको सिटी सेंट्रल तक पहुंचने के लिए हवाई अड्डे से 7 किलोमीटर की दूरी पर ड्राइव करना होगा। घरेलू हवाई अड्डा शहर को भारत के दूसरे प्रमुख शहरों में जोड़ता है।

बाइ ट्रेन

रेलवे आगरा में यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश के अन्य सभी कोनों से आगरा चलने वाली कई ट्रेनें हैं। आगरा स्टेशन को आगरा कैंटमेंट के नाम से जाना जाता है।

बाइ रोड

आगरा दिल्ली से 204 किलोमीटर की दूरी पर है और दिल्ली से आगरा जाने के लिए 4 घंटे लगते है। यदि आप बस से आते हैं, तो आप आगरा फोर्ट टर्मिनस या इदगाह बस टर्मिनस पर उतरते हैं। आगरा जाने के लिए बस आसानी से मिल जाती है।