भगवान शिव के नाम से मशहूर काशी नगरी की ये जगहें जो पर्याटकों के मन मोह लेती हैं

वाराणसी जो धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है, यहां पर ऐसे सैकड़ों भव्य दृश्य वाली जगहें हैं जो लोगों के दिल को छू जाती हैं। आपको बता दें यह एक ऐसा स्थल है जो घाटों और मंदिरों के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। भगवान शिव के नाम से मशहूर यह काशी नगरी, मंदिरों और घाटों के अलावा बहुत सारे अन्य भव्य दृश्यों का भी दर्शन कराती है जो पर्याटको को बहुत आकर्षित करती हैं। तो आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ स्थलों के बारे में जो वाराणसी की शोभा बढ़ाते हैं।

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी

अगर आप वाराणसी की यात्रा करने जा रहे हैं तो काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करे बिना आपकी यात्रा अधूरी रह जाएगी। काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक हैं जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में मौजूद शिव के ज्योतिर्लिंग को देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। वाराणसी के सबसे खास मंदिरों में से एक होने की वजह से इस मंदिर में रोजाना लगभग 3,000 भक्त आते हैं लेकिन विशेष मौकों पर यह बढ़कर 1,00,000 तक पहुंच जाते हैं।

अस्सी घाट वाराणसी

वाराणसी रेलवे स्टेशन से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अस्सी घाट एक ऐसी पवित्र जगह है जहां आने वाले तीर्थयात्री एक पीपल के पेड़ के नीचे स्थित एक विशाल शिव लिंग की पूजा करके भगवान शिव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बता दें कि अस्सी घाट अस्सी और गंगा नदी के संगम पर स्थित है जो काशी की प्राचीनता को दर्शाता है। अगर आप वाराणसी की यात्रा करना आ रहे हैं तो आपको सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से अस्सी घाट की सैर जरुर करना चाहिए। आपको बता दें यहा की आरती का आकर्षक नजारा वाराणसी शहर को देश की सबसे खूबसूरत जगह बनता है।

तुलसी मानसा मंदिर वाराणसी

तुलसी मानसा मंदिर वाराणसी के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 1964 किया गया था जो भगवान राम को समर्पित है। बता दें कि इस मंदिर का नाम संत कवि तुलसी दास के नाम पर पर रखा गया है। कहां जाता है कि यह वो स्थान है जहां पर तुलसीदास ने हिंदी भाषा की अवधी बोली में हिंदू महाकाव्य रामायण लिखी थी। 

मणिकर्णिका घाट वाराणसी 

वाराणसी में स्थित मणिकर्णिका घाट को अंतिम संस्कार के लिए एक शुभ स्थान माना जाता है। मणिकर्णिका घाट का नाम वाराणसी के प्रमुख पर्याटक स्थानों में से एक है। आपको बता दें इस घाट को जीवन के प्रवेश द्वार के रूप में माना जाता है। 

चुनार का किला वाराणसी

चुनार का किला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित है। चुनार किले का सबसे पहला इतिहास 16 वीं शताब्दी का है, जिसका मुगल बादशाह बाबर की चौकी से पता चलता है। आपको बता दें उनके कुछ सैनिकों की कब्रें आज भी यहां मौजूद हैं। बताया जाता है कि यह किला दिव्य रूप से धन्य है। अगर आप वाराणसी की यात्रा कर रहे हैं तो आप बहुत ही कम समय में इस किले को देखने के लिए जा सकते हैं।

गोडोवालिया मार्केट वाराणसी

शॉपिंग जंक्शन गोडोवालिया मार्केट यहां का सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त बाजार है जो वाराणसी में घूमी जाने वाली जगहों में शामिल है। अगर आप वाराणसी के इस मार्किट में जाते हैं तो आप यहां पर दैनिक जरूरत के सामन से लेकर कांच की चूड़ियाँ भी खरीद सकते हैं।

आलमगीर मस्जिद वाराणसी

17 वीं शताब्दी में बनी आलमगीर मस्जिद वाराणसी के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। मस्जिद के रूप में खड़ी यह संरचना औरंगज़ेब द्वारा पंचगंगा घाट पर हावी लुभावनी विधियों का प्रमाण है। बता दें कि इस मस्जिद में गैर-मुसलमानों को जाने की अनुमति नहीं है।

वाराणसी घूमने का सबसे अच्छा समय

वाराणसी जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का है। इन महीनों में वहां का मौसम यात्रा के लिए अनुकूल होता है। नवंबर में हर साल वाराणसी में एक पांच दिवसीय उत्सव गंगा महोत्सव मनाया जाता है, यह उत्सव आने वाले पर्यटकों को बहुत आकर्षित करता है।

वाराणसी कैसे पहुंचा जाये

बाई एयर

अगर आप हवाई जहाज से वाराणसी की यात्रा करना चाहते हैं तो आप देश के किसी भी प्रमुख शहर से वाराणसी के लिए फ्लाइट ले सकते हैं। वाराणसी शहर में खुदका हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

बाई ट्रेन

वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन के लिए भारत के कई प्रमुख शहरों से ट्रेन मिल जाती है। आप दिल्ली, मुंबई, भोपाल और भारत के कई बड़े शहरों से वाराणसी के लिए ट्रेन पकड़ सकते हैं। 

बाई बस

अगर आप बस से वाराणसी जाना चाहते हैं तो बता दें इस शहर के लिए आपको दिल्ली और आसपास के शहरों से बस आसानी से मिल जाएगी।