पर्यटक स्थल घूमने के लिए लग्जरी ट्रेन डेक्कन ओडिसी का किराया पहले से सस्ता हो गया है

महंगी और लग्जरी ट्रेनों में सफर करना हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है।लग्जरी ट्रेनों में सफर करने के लिए जो सबसे आवश्यक वो बजट है। अधिकांश लोगों का बजट कम होने के कारण लोग महंगी और लक्जरी वस्तुओं का त्याग कर देते हैं। आज हम एक सुकून भरी खबर आपको बताने जा रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि किस प्रकार से कम पैसे में भी लग्जरी ट्रेनों का सफर करना मुमकिन हो गया है। 

अब 5 दिन के पैसे में आप 7 दिन का सफर लग्जरी ट्रेन के द्वारा कर सकते हैं। यह यात्रा अब सस्ती ही नहीं बल्कि इसमें कई सुविधाएं भी बढ़ गई है। दरअसल हम जिस ट्रेन से बात कर रहे हैं उस ट्रेन का नाम डेक्कन ओडिसी है। पर्यटकों के लिए यह ट्रेन सुविधाजनक और लक्जरी भी है। इस ट्रेन के जरिए कुछ सीमित क्षेत्रों में ही भ्रमण किया जा सकता है। 

मुख्यतः इस ट्रेन के द्वारा महाराष्ट्र और गोवा जैसे खूबसूरत शहरों का सैर किया जा सकता है। महाराष्ट्र को सैर करने के लिए कई ट्रेनें उपलब्ध है परंतु डेक्कन ओडिसी जैसे लग्जरी ट्रेन में सफर करने की हर व्यक्ति की ख्वाहिश होती है।

ट्रेन की मुख्य बातें 
इस लग्जरी ट्रेन में सुख का अनुभव अन्य ट्रेनों से दो गुना मिलता है। ट्रेन का सफर सुविधाजनक और सुखद अनुभव से परिपूर्ण रहता है। सबसे खास बात यह है कि यह ट्रेन पैलेस ऑन व्हील्स के तर्ज पर बनाई गई है। महाराष्ट्र के पर्यटन के लिहाज से देखें तो यह ट्रेन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इस ट्रेन के जरिए महाराष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों के नजारों का अवलोकन किया जा सकता है। 

यह जानना बेहद जरूरी है कि यह ट्रेन आर्थिक राजधानी मुंबई से चलती है। आर्थिक राजधानी मुंबई से यह ट्रेन चलकर रत्नागिरी,सिंधुदुर्ग गोवा,बेलगाम, कोल्हापुर,पुणे नासिक, औरंगाबाद, अजंता एलोवेरा जैसे बेहद ही आकर्षक स्थानों का सफर कराने के बाद मुंबई वापस लौट आती है। यह ट्रेंन विश्व के महंगे ट्रेनों में से एक है। डेक्कन ओडिसी ट्रेन का सुविधाएं काबिल-ए-तारीफ है।

ट्रेन से जुड़ी प्रमुख जानकारियां 
यह लग्जरी ट्रेन भारत की सुपर डीलक्स लक्जरी ट्रेन है।यह ट्रेन  महाराष्ट्र के "महाराष्ट्र टूरिज्म  डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड"और भारत सरकार के रेल मंत्रालय के साथ चलाता है। इस लग्जरी ट्रेन की तुलना साउथ अफ्रीका के ब्लू ट्रेन और यूरोप के ओरिएंट एक्सप्रेस से हमेशा की जाती है। दरअसल इस तुलना के पीछे ट्रेन के लक्जरी और सुख सुविधाओं से लैस होना मुख्य कारण है। 

सब सुविधाओं के नजरिए से भारत में इस ट्रेन का विशेष स्थान है। इस ट्रेंड के जरिए विभिन्न शहरों का सफर करना किसी यादगार पहलू से कम नहीं होता है। ट्रेन का शानदार इंटीरियर के साथ साथ स्वादिष्ट भोजन यात्रा के खुशनुमा माहौल में चार चांद लगा देते हैं। ट्रेन के जरिए बेहतरीन साइट्स का आनंद आसानी से उठाया जा सकता है।

ट्रेन का आकर्षण 
इस लग्जरी ट्रेन का किराया तो अवश्य महंगा है पर उसी प्रकार की सुख सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। इस खूबसूरत ट्रेन में स्पा और बार तक के सुविधा का लुप्त आसानी से उठाया जा सकता है। ट्रेन के लक्जरियस इंटीरियर में टीवी केबल कनेक्शन, सेलफोन, चैनल म्यूजिक और फॉरेन एक्सचेंज जैसे कई सहूलतें भी मिलती हैं। 21 कोच वाली इस ट्रेन में मात्र 12 यात्री कोच ही उपलब्ध है। यह खूबसूरत ट्रेन महाराष्ट्र का दर्शन हफ्ते भर में करवा देती है।

ट्रेन की यात्रा 
डेक्कन ओडिसी ट्रेन का सफर हफ्ते के दिन बुधवार के दिन से शुरू होती है। खूबसूरत स्थानों पर अलग अलग दिन यह ट्रेन भ्रमण करती हैं। सफर के दूसरे दिन यानि बृहस्पतिवार को यह ट्रेन सिंध दुर्ग नगर पहुँच जाती है। ट्रेन में बैठे यात्री यहां के नजारे का आनंद उठाते है। सिंधु दुर्ग में पहुंचने के बाद यहां का प्रसिद्ध किला, तर कार्ल बीच और धमपुर गांव जैसे खूबसूरत स्थानों को देखने का मौका मिलता है। 

हफ्ते भर के सफर पर निकली यह ट्रेन तीसरे दिन यानी शुक्रवार को गोवा पहुँचती है। गोवा में पहुंचने के बाद ऑप सेंट, ऑगस्टीन चर्च जैसे तमाम मशहूर चर्च और अन्य म्यूजियमों को भी देखा जा सकता है।
 
चौथे दिन यानी शनिवार को यह ट्रेन गोवा के वास्को के सैर पर पहुँच जाती है। गोवा के वास्को में प्रसिद्ध हिंदू मंदिर मंगेशी, साफा मस्जिद, सहकारी स्पाइस फॉर्म और मेनेजेज ब्रिगेजा हाउस (चंदू गांव में स्थित) को आसानी से देखा जा सकता है। 

मुख्यतः दिन प्रतिदिन समय बीतने के साथ साथ ट्रेन का यह सफर रोमांच भरा होता जाता है। पांचवें दिन यानी रविवार को यह ट्रेन कोल्हापुर पहुँच जाती है। कोल्हापुर दार्शनिक स्थान है यहां प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर के अलावा कई धार्मिक स्थल मौजूद हैं।
 यहां के दर्शन करने के बाद यात्रा के अगले पड़ाव यानी छठे दिन में प्रवेश कर जाते हैं। छठे दिन यानी सोमवार औरंगाबाद दौलताबाद में एलोरा की गुफाएं और बीबी का मकबरा जैसे आकर्षण ऐतिहासिक स्थल देखने को मिलता है।  

सात दिन के सफर पर निकली यह ट्रेन का आखिरी पड़ाव सातवें दिन होता है सातवें यानी आखिरी मंगलवार के दिन पूर्व विश्व में प्रसिद्ध अजंता की गुफाओं का सफर इसी ट्रेन के जरिए होता है। इसी दिन नासिक के साथ महाराष्ट्र के सभी बेहतरीन स्थानों का दर्शन कराने के बाद यह ट्रेन आठवें दिन यानी बुधवार को पुनः मुंबई की ओर लौट जाती है।
 
सफर तय करने के बाद पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्राप्त हो जाता है। बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक जगहों का यह नजारा हर पर्यटकों के आंखों में आकर्षक स्थलों की छवि निर्माण हो जाती है।

ट्रेन यात्रा का खर्च 
सुख सुविधाओं से लैस यह ट्रेन बेहद ही आकर्षक है। सुख सुविधाओं को प्रदान करने में जाहिर सी बात है खर्च अधिक आते हैं। हम आपको बताते हैं कि इस ट्रेन में सफर करने का संपूर्ण खर्च कितना लग जाता है। इस लग्जरी ट्रेन का किराया पहले की अपेक्षा अब कम हो गया है। 

पहले की बात करें तो डीलक्स सिंगल के लिए 4 लाख 19 हजार रुपये देने होते थे, वहीं अब यह घटकर 3 लाख रुपये हो गए हैं। डीलक्स डबल के लिए 4 लाख 29 हजार रुपये देने होते है जिसके लिए पहले 6 लाख से भी ज्यादा रुपये चुकाने पड़ते थे। इसके अलावा कई अन्य खर्च भी हैं जैसे प्रेसिडेंशियल सूट के लिए पहले 9 लाख 8 हजार रुपये देने होते थे जबकि वर्तमान समय में घटकर यह 6 लाख 48 हजार हो गया है।