प्रकृति की अद्भुत सुन्दरता से भरपूर रायपुर, फैमिली ट्रिप के लिए बेहद खास है

प्राकृतिक सुन्दरता में लोगों का मन लोभने की एक अद्भुत शक्ति होती है। करोड़ों रुपये खर्च करके कृत्रिम आकर्षण क्षेत्र बनाए जाते हैं परंतु कृत्रिम आकर्षण क्षेत्र उतने प्रभावकारी नहीं होते जितना प्राकृतिक सुंदरता और वन हरियाली होती है। प्राकृतिक हरियाली, नदियों की सुंदरता, पहाड़ों का आकर्षण, झरनों की खास सुन्दरता बेहद आकर्षण होते हैं। प्राकृतिक खूबसूरती में शुमार भारत का राज्य छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने बहुत ही खूबसूरत उपहार से नवाजा है। 

बारिश के मौसम में यहाँ सैर करना काफी खूबसूरत होता है। यहां की चारों ओर ऊंचे पहाड़, पानी गिरने के कारण हर रंग के मखमल की चादर से ढके नज़र आते है। यह प्रदेश सैर करने आए लोगों का मन मोह लेता है।यहाँ छत्तीसगढ़ में सबसे प्रसिद्ध पर्यटक के केंद्र है-  लोहारा बावली, तीरथगढ़ के झरने, चेतुरगढ़ का किला, चित्रकूट झरना, घटारानी वाटरफाल, कोसागाईगढ़, जोगीमारा गुफ़ा, कैलाश गुफ़ा, कुटुम्बसर गुफ़ा, सीताबेंगरा गुफ़ा, अमृतधारा झरना, महागिरजाघर, कवर्धा महल, राजिम गड़निया जलप्रपात आदि।

घटारानी का वाटरफाल  (रायपुर)
घटारानी वाटरफाल रायपुर से 85 किमी दूर स्थित एक लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट है। यह वाटरफाल जतमई मंदिर के बगल में स्थित है। यहाँ एक से एक  ग्रेट पिकनिक स्पॉट हैं। घने वनस्पति और पेड़ पौधों के बीच में फैले हुए, जंगल के माध्यम से एक छोटे से ट्रेक के बाद मध्यम झरना तक पहुंचा जा सकता है। यह फैमली पिकनिक स्पॉट के लिए एक आडियल स्थान माना जाता है।

प्राकृतिक रूप से यह स्थल काफी मनमोहक है। चारों ओर फैली यहां  हरियाली और ऊंचे पहाड़ों के बीच गिरता झरना यहां आने वालों के लिए यादगार बन जाता है। यह स्थल धार्मिक महत्व और पर्यटन की दृष्टि से भी समृद्ध है। घटारानी की सैर करने के लिए सभी प्रकार के मौसम अनुकूल हैं। बारिश के मौसम में यहाँ आसपास के जंगल में हरियाली और ज्यादा बढ़ जाती है। गर्मियों में हरे पेड़ की छाव और सुन्दर पानी का दृश्य सबका मन मोह लेती है और यहाँ झरने का पानी और भी ज्यादा मनमोहक लगता है। इस झरने पर आकर कई पर्यटक नहाने का भी भरपूर आनंद लेते है। 

घटारानी वाटरफाल के समीप ही यहां एकमुखी तिरछा शिवलिंग स्थापित है, जिसे ‘टानेश्वरनाथ महादेव’ कहा जाता है और जिसके दर्शन करने के लिए यहाँ भक्तगण उत्सुक रहते है। इस शिवलिंग के बारे में पौराणिक कथा प्रसिद्ध है – माना जाता है कि फिंगेश्वर के मालगुजार इसे अपने साथ ले जाना चाहते थे, लेकिन वे जितनी खुदाई करते शिवलिंग और भी गहरा होता चला जाता है। बाद में थक-हारकर उन्होंने वह शिवलिंग वहीं छोड़ दिया। तभी से यह शिवलिंग टेढ़ा है।

नंदन वन चिड़ियाघर और सफारी
यह जंगल सफारी रायपुर से 20 कि.मी. दूर नया रायपुर के दक्षिणी छोर पर  ‘नंदनवन जंगल सफारी' के नाम से स्थित है। रायपुर स्थित यहाँ चिड़ियाघर होने के साथ ही एक अनुसंधान केंद्र भी है और इसका निर्माण वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण के लिए बनाया गया है। इसे मैनमेड सबसे बड़ी सफारी  कहा जाता है। इस सफारी में बीयर सफारी, हर्बीवोरस सफारी, लॉयन सफारी और बाघ सफारी आते हैं।

जंगल सफारी के विशाल हरे-भरे प्राकृतिक पर्यावरण में पर्यटकों और पर्यावरण प्रेमियों को एक अद्भुत वातावरण मिलता है। प्रत्येक सफारी में 20 हेक्टेयर या उससे अधिक का क्षेत्रफल शामिल है। यहां चिड़ियाघर सुंदर परिदृश्य और हरी-भरी वनस्पतियां भी है और 32 जानवरों की प्रजातियां भी शामिल है।

इस जंगल सफारी में 52 हेक्टेयर में जलस्त्रोत भी शामिल है, जिसे जलीय पक्षियों के रहने के लिए अनुकूल बनाया गया है। यहां 'बटरफ्लाई जोन'  भी विकसित किया है। नया रायपुर में करीब 800 एकड़़ के क्षेत्र में 200 करोड़ रुपए की लागत पर मानव निर्मित जंगल सफारी बनाया गया है। इसका उद्घाटन 1 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। यहां आपने फैमली के साथ इन्जौय करने जा सकते है।

विवेकानंद सरोवर
विवेकानंद सरोवर को बुरहा झील भी कहा जाता है, जिसका मतलब है पुरानी झील। यह रायपुर की सबसे बड़ी झील भी है। इस झील में स्वामी विवेकानंद की 37फीट ऊँची प्रतिमा बनी हुई है। इस झील से लगभग 2.7 कि.मी. दूर स्वामी विवेकानंद को समर्पित एक आश्रम है,जहां स्वामी विवेकानंद जी की विचारधारा के बारे में पढ़ाया जाता है। 

इसी तालाब में ऐसा माना जाता है कि बचपन में स्वामी विवेकानंद दोस्तों के साथ नहाते थे। यह सरोवर-डे भवन के पास ही स्थित है। डे भवन वही स्थान है जहाँ स्वामी विवेकानंद रहते थे और इसी तालाब में डुबकियां लगाते थे। इस तालाब को 600 वर्ष पहले कल्चुरी वंश के राजाओं ने खुदवाया था।
 
इतिहासकारों की मानें तो यह पहले 150 एकड़ में था, जो अब मात्र लगभग 60 एकड़ में ही हो सीमित हो गया है। अब विवेकानंद सरोवर रायपुर के सबसे खूबसूरत टूरिस्ट प्लेस में से एक है। यहां टूरिस्ट प्रकृति के खूबसूरत नजारों के साथ तालाब में बोटिंग का आनंद ले सकते है। यहां चारो तरफ हरे-भरे पेड़ पौधे है, जो गर्मी में मौसम में शारीरिक और मानसिक सुकून प्रदान करेंगे।

टाउन हॉल 
टाउन हाल एक बेहद ही खूबसूरत टूरिस्ट साइट है।ऐतिहासिक तथ्यों के महत्व से भी यह महत्वपूर्ण है। यहां टूरिस्ट साइट के साथ साथ कई सरकारी दफ्तर भी हैं। रायपुर में शासन करने वाले हर राजा और राजकुमार के बारे में संपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य और उनके जीवन से जुड़ी जानकारीयाँ जानने को मिल जाती है। टाउन हाल रायपुर के विशेष पर्यटन स्थलो में शुमार है। घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए यह स्थान बेहद ही खास है।

एफएम फन सिटी 
घूमने के लिए एफएम सिटी एक आकर्षक और रोचक स्थान है। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय अगस्त महीने में माना जाता है। यहां प्रतिदिन सुबह 10:30 से शाम 7 बजे तक घुमने आ सकते हैं। सप्ताहांत (शनिवार और रविवार) को सुबह 10:30 से शाम 8 बजे तक नजारा देखने वहां की खूबसूरती को निहारने जाया जा सकता है। यहां जाने के लिए कुछ शुल्क देने होते हैं। यहां पर टिकट शुल्क प्रति व्यक्ति 400 रूपए है। वीकेंड्स में 450 रुपये लगता है।यहाँ घूमने के लिए परिवार या किसी ग्रुप के साथ पहुंचने पर एक महिला का होना अनिवार्य है।