सिर्फ राजस्थान ही नहीं नॉर्थ-ईस्ट में भी है उदयपुर शहर, जानें इसके बारे में

आपने राजस्थान के उदयपुर शहर के बारे में तो सुना ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक उदयपुर शहर पूर्वोत्तर भारत में भी है। यह उदयपुर शहर त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से लगभग 55 किमी की दूरी पर स्थित है। यह शहर गोमती नदी के किनारे स्थित है। त्रिपुरा का उदयपुर शहर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए  बहुत प्रसिद्ध है। इस शहर में बहुत से प्राचीन मंदिर है जिनके प्रति लोगों की गहरी आस्था है। उदयपुर में बहुत सी झीलें हैं जिस वजह से इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। आज के इस लेख में हम आपको त्रिपुरा के उदयपुर शहर के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं - 

सुंदरी मंदिर 
उदयपुर शहर को मुख्य रूप से यहाँ स्थित त्रिपुर सुंदरी मंदिर के लिए जाना जाता है। यह मंदिर मुख्य शहर से तीन किमी दूर स्थित है। यह मंदिर माँ भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में माता सती के सीधे पैर की अंगुलियों के चिह्न मौजूद हैं। हर रोज़ यहाँ भक्तों की लंबी कतार लगी रहती है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर में दर्शनों के लिए आते हैं। 

कल्याण सागर झील
कल्याण सागर झील, त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के निकट स्थित एक बड़ी झील है। यह झील उदयपुर के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। यह झील 5 एकड़ से भी ज्यादा क्षेत्र में फैली है। इस झील का निर्माण सन् 1501 ई। में यहाँ के महाराजा कल्याण माणिक्य के शासनकाल में करवाया गया था। कल्याण सागर झील में कई प्रकार की मछलियाँ और जल प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इस झील में कछुओं की कई दुर्लभ प्रजातियाँ मौजूद हैं। यह झील यहाँ आने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु इस झील को बहुत पवित्र मानते हैं। 

भुवनेश्वरी मंदिर 
भुवनेश्वरी मंदिर, त्रिपुरा में गोमती नदी के पास स्थित है। देवी भुवनेश्वरी को समर्पित इस मंदिर का निर्माण महाराजा गोविंदा माणिक्य ने 17 वीं सदी में करवाया  था। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 675-1660 ई के आस-पास हुआ था। यह मंदिर एक तीन फुट ऊंचे बरामदे में है जिसमें एक सुन्दर छत और द्वार पर स्तूप है। इस मंदिर की वास्तुकला यहाँ आने वाले पर्यटक को अपनी तरफ आकर्षित करती है। देश के कोने-कोने से लोग इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं। 

नजरुल ग्रंथागार
नजरुल ग्रंथागार, उदयपुर का एक प्रसिद्ध राष्ट्रीय पुस्तकालय है। यह पुस्तकालय प्रसिद्ध बंगाली कवि काज़ी नजरुल इस्लाम के नाम पर नामित है। इस पुस्तकालय में हज़ारों पुस्तकें उपलब्ध हैं। जो पर्यटक उदयपुर शहर की स्थानीय संस्कृति के बारे में पढ़ना पसंद करते हैं, उनके लिए नजरुल ग्रंथागार एक सही स्थान है।

नीर महल 
उदयपुर में स्थित नीरमहल राज्य के सबसे खूबसूरत महलों में होती है। यह महल रुद्रसागर झील के ठीक बीच में बनाया गया था। अपने  इस महल का निर्माण 1930 में राजा बीर बिक्रम किशोर देबबर्मण ने करवाया था। यह महल ना सिर्फ अपनी खूबसूरती बल्कि अपनी वास्तुशिल्प के लिए भी जाना जाता है। इस महल में हिंदू और इस्लामिक वास्तुशिल्प शैली का मिश्रण है। इस मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर और संगमरमर से किया गया है। इस महल में कई टावर, बालकनी, पुल और पवेलियन हैं। हरे-भरे बगीचों और पानी के बीच स्थित यह महल यहाँ आने वाले यात्रियों को खूब लुभाता है।