ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के बेजोड़ नमूने का प्रतीक पठानकोट, जानिए कब और कैसे जाएं?

भारत के राज्य पंजाब का पठानकोट ज़िला प्राचीन ऐतिहासिक इमारतें और आस्था के प्रत्येक मंदिरों के सौंदर्य से परिपूर्ण है। पठानकोट, कश्मीर, पंजाब और हिमांचल जैसे लोकप्रिय पर्यटकीय स्थानों के पास स्थित है। यह तीनों राज्य पर्यटन की दृष्टि से बेहद ही खास और महत्वपूर्ण है। पठानकोट में ऐतिहासिक इमारतों का समागम है। ऐतिहासिक इमारतों के साथ साथ पठानकोट का भी इतिहास गौरवशाली है। पठानकोट का इतिहास राजपूतों के शासनकाल और राजशाही गुणों से जुड़ा हुआ है।
 
सौभाग्य की बात यह है कि यहां आए पर्यटक शक्तिशाली शिवालिक पर्वतमालाओं की झलक निहार सकते है। विचरण करने के शौकीन लोगों के लिए पठानकोट बेहद ही खास है, क्योंकि यहां इतिहास से जुड़ी कई रोचक जानकारियां जानने व देखने को मिलती है। आप भी घूमने के शौकीन हो या इतिहास जानने में दिलचस्पी हो तो पठानकोट की यात्रा एक बार जरूर करें। आइये आपको बताते हैं, पठानकोट पहुँचने संबंधी और आकर्षण से जुड़ी हर बातें और पूरी जानकारी।

पठानकोट के दर्शनीय स्थल 
पठानकोट इतिहास के इमारतों के साथ साथ आस्था के केंद्र मंदिरों और दर्शनीय स्थलों के लिए भी बेहद खास है। यहां दूर दराज से लोग अपने आस्था और विश्वास को पुनर्जीवित रखते हुए मंदिरों का दर्शन करने और दर्शनीय स्थल को निहारने जरूर आते हैं।

शाहपुरकंडी किला
पठानकोट का बेहद ही आकर्षित इस किले का निर्माण सोलहवीं शताब्दी में कराया गया था। यह किला सबसे बेहतरीन किला है। आकर्षण और सुंदरता के जरिये यह किला पर्यटकों के लिए अतिथि निवास बन चुका है। यह किला पहले रावी नदी के तट पर मात्र एक रणनीतिक सैन्य किला था। कहानियों के गुच्छे से गुथा यह किला बेहद ही शानदार है। कश्मीर से सटे होने के कारण यह किला और भी खूबसूरत बन जाता है।

नूरपुर किला 
धमेरी किले के नाम से विख्यात यह किला वास्तु कला के नजरिये से बेहद खास है। इसकी सुंदरता और आकर्षण पर्यटकों को अपना मुरीद बना लेती है। आज यह किला खंडहर हो चुका है परंतु अपने इतिहास की रोचक जानकारी हर पल ये बेजुबां किला बया करता रहता है। माना जाता है कि इस किले के निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था। इस किले को खंडहर बनाने में अंग्रेजों का विशेष हाथ था। वर्ष 1905 भूकंप के बाद अंग्रेजों ने इसे ध्वस्त कर दिया। आस्था के प्रतीक किले में एक मंदिर है जिसे ब्रिज राज स्वामी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मुक्तेश्वर मंदिर 
वास्तुकला के साथ साथ पठानकोट हिंदू देवी देवता मंदिर के लिए भी शानदार स्थान है। हिंदुओं में प्रमुख मंदिरों में बड़ी प्रमुखता से मुक्तेश्वर मंदिर का नाम लिया जाता है। यह मंदिर पठानकोट के लोकप्रिय और पवित्र मंदिरों में एक अध्यात्मिक मंदिर हैं। यह मंदिर रावी नदी के तट एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है।
 
इस मंदिर की प्रमुख बात यह है कि इसमें तांबे के यौन के साथ संगमरमर की शिवलिंग स्थापित किया गया है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। किवदंतियों को मानें तो निर्वासन में रहने के दौरान ये गुफाएं पांडवों की शरणस्थली हुआ करती थी साथ ही यह भी माना जाता है कि मंदिर में ब्रह्मा विष्णु हनुमान पार्वती और गणेश जी जैसे अन्य प्रमुख हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं।

काठगढ़ मंदिर 
यह मंदिर हिन्दुओं के प्रमुख देवता भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर की विशेषता एक रहस्यमई मान्यता से है। माना जाता है कि इस मंदिर की विशेषता एक प्राचीन लिंगम से है जो रहस्यमयी है। किवदंतियों की मानें तो इस स्थान को पुरुषोत्तम श्रीराम खोज में निकले उनके भाई भारत ने इस मंदिर का सर्वप्रथम दर्शन किया था। मंदिर का मुख्य आकर्षण नदियों के संगम के तट पर स्थित होने से है। यह मंदिर ब्यास और कोंच नदियों के संगम पर स्थित है। इस मंदिर के मुख्य प्रसिद्धि विरासत और असाधारण स्थापत्य शिल्प कौशल से हैं।

कब पहुंचें पठानकोट 
पठानकोट यात्रा का सबसे सुनहरा समय अक्टूबर से मार्च महीने के बीच का होता है। इस बीच आने यहां आने का आकर्षण दुगुना हो जाता है क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम खुशनुमा रहता है और तापमान भी बहुत अधिक नहीं रहता। इस मौसम में अनुमानतः यहां का तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।

कैसे पहुंचे 
पठानकोट पहुंचने के लिए रेलवे और सड़क तीनों मार्को उपलब्ध है।

वायु मार्ग 
पठानकोट हवाई अड्डे के अलावा यहां से सबसे निकटतम हवाई अड्डे की बात करें तो अमृतसर हवाई अड्डा है।यह पठानकोट से लगभग 125 किलोमीटर दूरी पर है। आपको बता दें कि पठानकोट हवाई अड्डे का इस्तेमाल अमूमन भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाता है।और यही कारण है कि यहां पर दिल्ली और कुल्लू से आम नागरिकों के लिए बहुत कम उड़ाने भरी जाती है। हवाई अड्डे से पठानकोट तक का सफर नियमित रूप से चल रही कैब द्वारा किया जा सकता है।

रेल मार्ग 
रेल मार्ग से सफर करने के लिए पठानकोट स्थित रेलवे जंक्शन शहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस रेलवे स्टेशन पर अमूमन भारत की सभी ट्रेनें नियमित रूप से आती रहती हैं। इसलिए पठानकोट के लिए रेल यात्रा बेहद ही आसान है।

सड़क यात्रा 
पठानकोट बस जंक्शन पर देश के प्रमुख शहरों से से नियमित रूप से बसे आती रहती है। यहां के लिए देश के कई प्रमुख शहरों से बसें उपलब्ध है।