माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने पर लगते हैं 7 लाख रुपये, जानिए दुनिया के सबसे बड़े पर्वत के बारे में 15 रोचक जानकारी

नेपाल में स्थित दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बारे में हर व्यक्ति सामान्य ज्ञान की किताबों में खूब पढ़ता है परंतु इसकी कुछ ऐसी खासियत जिसके बारे में शायद हर किसी को जानकारी नहीं है। पर्वतीय आकर्षण का मशहूर नमूना माउंट एवेरेस्ट को देखने और इसपर चढ़ने की हर किसी की अभिलाषा भी होती है। दुनिया का सबसे ऊंचा यह पर्वत भारत के पड़ोसी देश नेपाल में स्थित है। इसकी लंबाई समुद्री तल से 8,850 मीटर है। 

माउंट एवरेस्ट की लोकप्रियता का कीर्तिमान पूरे विश्व में स्थापित हो चुका है। पार्वती आकर्षण के साथ-साथ विशाल पर्वत के संदर्भ में माउंट एवरेस्ट का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। आइए जानते हैं, कुछ माउंट एवेरेस्ट से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा।

1. इंग्लैंड के वैज्ञानिक जॉर्ज एवरेस्ट 13 वर्ष तक भारत की सबसे ऊंची चोटियों का सर्वेक्षण किया था। इसी कारण से माउंट एवरेस्ट पर्वत का नाम इंग्लैंड के वैज्ञानिक जार्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है।

2. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का कीर्तिमान 13 वर्ष के लड़के से लेकर 73 वर्ष की जापानी महिला ने भी हासिल किया है। अब तक इस पर्वत पर कुल पांच हजार से ज्यादा लोग चढ़ाई पूरी कर चुके हैं। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वालों में एक अंधे शख्स का भी नाम शुमार है। इस पर्वत पर चढ़ाई करना अपने जान को जोखिम में डालने और खतरे से खेलने जैसा है।

3. नेपाल में माउंट एवरेस्ट पर्वत को सागरमाथा के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1930 के दशक में इस पर्वत का यह नाम नेपाल के इतिहासकार बाबूराम आचार्य ने रखा था। सागरमाथा का अर्थ 'स्वर्ग का शीर्ष' होता है। संस्कृत में एवरेस्ट को पर्वत देवगिरी और तिब्बत में सदियों से चौमोलंगमा यानी की पर्वतों की रानी कहा जाता है।

4. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना आसान नहीं होता। पर्वत पर चढ़ाई करने से पहले कुछ शुल्क भी देने होते हैं। आपको बता दें कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने से पहले नेपाल सरकार को 11 हजार डालर (करीब 7 लाख रुपये) की फीस देनी होती है।

5. माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई अधिक होने के कारण चढ़ाई करने वाले कई लोगों की मौत भी हो जाती है। पर्वत पर चढ़ने वाले हर 100 व्यक्तियों में 4 लोगों की मौत हो जाती है। कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं जो अपना अदम्य साहस दिखाकर पर्वत पर चढ़ तो अवश्य जाते हैं परंतु नीचे उतरते समय अपनी जान गवां देते हैं।

6. माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई सर्वाधिक होने के कारण मौत हो जाने वाले व्यक्तियों की शव वापस नहीं लाया जा सकता है। अब तक करीब 200 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान पर्वत के शिखर पर गंवाई है। ऐसे व्यक्तियों के शव आज भी माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पड़े हुए हैं।

7. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने का सबसे खास व अच्छा महीना मार्च से लेकर मई के बीच में है। इस महीने में पर्वत के आकर्षण का आनंद कई स्वरूपों में लिया जा सकता है। इस दौरान बर्फ ताजी होती है, बारिश भी बहुत अल्प मात्रा में होती है तो वहीं अच्छी धूप की वजह से मौसम सुहाना लगता है।

8. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कई रास्तों का चयन किया जा सकता है। पर्वत की चोटी पर पहुंचने के लिए कुल 18 अलग अलग रास्ते मौजूद हैं।

9. माउंट एवरेस्ट पर आक्सीजन टैंक, टेंट आदि सामानों का कुल 120 टन कचरा मौजूद है। वर्ष 2008 से 2011 तक चल रहे सफाई अभियान के जरिए करीब 400 किलोग्राम कचरा हटाया गया है।

10. माउंट एवरेस्ट की विशालतम काया दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पर्वत की खास विशेषता यह भी है कि यह हर साल 2 सेंटीमीटर की दर से ऊंचा हो रहा है।

11. पर्वत पर चढ़ाई करने वाले लोगों में यूईचिरो मियूरा दुनिया के सबसे बड़े इंसान हैं। तो वहीं जॉर्डन रोमेरो दुनिया के सबसे छोटे इंसान है। यह कारनामा    13 वर्ष और 80 वर्ष के आयु वालों द्वारा रचा गया है। 

12. भारत के मालवथपूर्णा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाली सबसे कम उम्र की लड़की है। माउंट एवरेस्ट पर सर्वप्रथम सन् 1953 में एडमिन हिलेरी (न्यूजीलैंड) और तेजिंग नॉर्वे (नेपाल) ने की चढ़ाई करने सफल हुए।

13. माउंट एवरेस्ट के शिखर पर चढ़ने के लिए तकरीबन दो महीने का समय लग सकता है। वहीं खर्चे की बात करें तो नेपाल की हवाई यात्रा के साथ करीब 80 लाख रुपये खर्च हो जाते हैं। 
  
14. माउंट एवरेस्ट के शिखर पर नेपाल के पेम दोर्जी और मोनी ने वर्ष 2005 में शादी की थी।

15. माउंट एवरेस्ट पर सर्वाधिक चढ़ाई करने वाली आपा शेरपा और फुरब ताशी ने सबसे ज्यादा 21 बार चढ़ाई की है। पर्वत पर मौत करीब के हिस्से पर सबसे ज्यादा होती है, जिसे डेथ जोन भी कहा जाता है।