पर्वत की गोद में स्थित नेपाल के बारे में जानें ये रोचक तथ्य

भारत के उत्तर में बसा नेपाल खूबसूरती के रंगों से भरपूर है। यहाँ सब कुछ है जो आम सैलानियों की ख्वाहिश पूरी करता है। नेपाल देवी-देवताओं का घर कहे जाने वाली विविधताओं से पूर्ण है। तो वहीं यहां बर्फ से ढकी कई पहाड़ियां,और तीर्थ स्थान भी हैं। यहां आप रोमांचक खेलों का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं जैसे रिवर राफ्टिंग, क्लाइमबिंग, जंगल सफारी यहां प्रचुर मात्रा में खेल इसे  रोमांचक बना देते हैं। नेपाल खास तौर पर पहाड़ों की खूबसूरती के लिए बेहद प्रचलित है।देश का सबसे बड़ा पर्वत माउंट एवरेस्ट इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। नेपाल भौगोलिक रूप से तीन भागों में विभाजित है शिवालिक क्षेत्र, पर्वतीय क्षेत्र, तराई क्षेत्र इन तीनों के मिश्रण से नेपाल उल्लेखनीय हो जाता है। नेपाल मे पशुपतिनाथ मंदिर स्थित है जो सैलानियों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है।

भारत से नेपाल जाने के किये आवश्यक डॉक्यूमेंट 

अगर आप नेपाल का सफर करना चाहते हैं और वीजा की चिंता है तो बिलकुल बेफिक्र रहें। ये आपके लिए राहत की बात है कि नेपाल जाने के लिए किसी भी प्रकार का वीजा नहीं लगता। यहां जाने के लिए महत्वपूर्ण रूप से आपका अपना पासपोर्ट और कुछ पासपोर्ट साइज की फोटो और अपना वोटर आईडी तैयार रखें। विदेशी मुद्रा की बात करें तो  नेपाल में भारतीय रुपया ही चलता है। रोचक बात यह है कि यदि आपके पास एसबीआई डेबिट कार्ड है तो आप एसबीआई बैंक से पैसे भी भुगतान कर सकते हैं।

भारत से नेपाल पहुंचने के रास्ते 

भारत से नेपाल तक जाने के आपको कई रास्ते मिलेंगे सबसे किफायती और सुगम है कि भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन से भारत नेपाल बॉर्डर सोनौली तक रेल मार्ग द्वारा, इसके अलावा आप देश की राजधानी दिल्ली से भारत नेपाल के लिए हवाई उड़ानों की भी मदद ले सकते हैं।परंतु ट्रेन की अपेक्षा आपको उड़ानों की यात्रा महंगी पड़ेगी। साथ ही आप  बस से भी यात्रा कर सकते हैं परन्तु बस से यात्रा करने पर आपको तीस घंटे से अधिक समय लग सकते हैं।
 
यदि आप गोरखपुर और सोनौली का रास्ते का चयन करते हैं तो बता दें कि गोरखपुर से सोनौली 248 km दूरी पर है। इसको तय कर रहे में छह से सात घंटे का समय लगता है। नेपाल का बॉर्डर सोनौली पहुंचने के बाद आप दो रास्तों पर चयन कर सकते हैं। पहला सोनौली से काठमांडू (नेपाल की राजधानी) जो सोनौली से 285 किलोमीटर दूर है। और दूसरा रास्ता जो सोनौली से पोखरा की ओर जाता है जो मात्र 148 किलोमीटर दूर हैं। पोखरा से अमूमन यात्रियों की भीड़ कम रहती है जिससे आपको बेहतर घुमने का अनुभव मिलेगा।और ओ इलाका काठमांडू से किफायती भी हैं और सामान्यतः ये दोनों इलाके एक जैसे ही हैं।

नेपाल में कहां ठहरें

नेपाल में आपके ठहरने के लिए काठमांडू में कई रेस्टोरेंट होटल मिल जाएंगे।परंतु यात्रा के दौरान आपको अलग अलग इलाकों में सफर करना पड़ेगा जो काठमांडू से काफी दूर है।ठहरने का सबसे अच्छा अनुभव आपको बौद्ध मठ में मिल जाएगा। किफायत कि बातें करे तो पोखरा मे 800-1000 रूपये मे ठहरने के लिए कमरा मिल जाएगा।

नेपाल मे मिलने वाले भोजन 

अगर आप नेपाल में मिलने वाले भोजन के बारे में जानना चाहते हैं तो बता दें कि यहां का  राष्ट्रीय भोजन दाल भात तरकारी है। यह मसाले वाली दाल होती है जिसे उबले हुए चावल में डालकर, तरकारी के साथ परोसा जाता है। इसके अलावा नेपाल में मोमोज, तिब्बती ब्रेड और हनी काफी फेमस है। 
 
नेपाल भ्रमण करने के कुछ आकर्षक स्थान 

पोखरा : पोखरा शहर अपनी झीलों की वजह से बहुत प्रसिद्ध है इसलिए आप यहाँ पहुँच कर झील के किनारे होटल में कमरा ले सकते हैं। आपको ₹800-₹1000 तक के कमरे मिल जाएँगे। अगर आप सुबह पहुँचे हैं तो कुछ देर आराम करने के बाद पैदल ही शहर की यात्रा करने निकल सकते हैं। फेवा झील यहाँ की सबसे मशहूर और लम्बी झील है। झील में घूमने के लिए आपको वहाँ ₹400 में नाव मिल जाएगी जो इस खूबसूरत झील की सुन्दरता और ठहराव दोनों का अनुभव करवाएगी। सारंग्कोट और शांति स्तूपा पोखरा के आस पास बहुत मशहूर हैं तो अगर आपके पास वक़्त हो तो आप 1-2 दिन वहाँ रुक कर बाकि जगह भी घूम सकते हैं।

नयापुल : नयापुल पहुँचने के लिए बागलुंग बस पार्क से आसानी से बस मिल जाएगी। बस का किराया बहुत ही मामूली होता है।और 2 घंटे में आप नयापुल पहुँच जाएँगे। नयापुल पहुँचने के बाद यहाँ से आपको नेपाल के नज़ारे देखने को मिलेंगे। नयापुल चेक पोस्ट पर आपको परमिट दिखाना होगा और अगर आपके पास परमिट नहीं है तो वहाँ से आपको नया परमिट भी मिल जाएगा। इस 3-4 घंटे में आपको बहुत सारा रोमांच और नेपाल की सुन्दरता दोनों एक साथ देखने को मिल जाएगी।

लुम्बिनी : हिमालय पर्वत की गोद में बसी खूबसूरत जगह लुंबिनी, गौतम बुद्ध का जन्म स्थल है। यह जगह भारत की सीमा के करीब पाल के रूपन्देही जिले में स्थित है जो बहुत शांत और बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। लुम्बिनी एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है जिसके स्तूप और मठ इसे बेहद खास बनाते हैं। इस जगह को सम्राट अशोक के स्मारक स्तंभ के लिए भी जाना-जाता है। नेपाल की यात्रा करने वाले लोग लुम्बिनी शास्त्रों का अध्ययन, धर्म के बारे में जानने और अपने दिल दिमाग को ताजा करने के लिए भी आते हैं। लुंबिनी में गौतम बुद्ध की मां माया देवी के नाम पर मंदिर भी है जिसको मायादेवी मंदिर कहा जाता है, इस मंदिर में माया देवी की मूर्ति भी है।

पशुपतिनाथ मंदिर : नेपाल अपने पर्वतीय आकर्षण के साथ साथ आध्यात्मिक मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है उन्हीं में से एक पशुपतिनाथ मंदिर जो नेपाल  के सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। जो काठमांडू शहर से 3 किलोमीटर दूर पूर्व में सुंदर और पवित्र बागमती नदी के किनारे पर बसा हुआ है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है जहाँ पर रोज हजारों की संख्या में भक्त आते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर आश्रमों के साथ एक बड़े हिस्से में फैला हुआ है जो यहां आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को एक अलग शांति का अनुभव करवाता है। साल 1979 में पशुपतिनाथ मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंग बॉडी का सिर है जो भारत के बारह ज्योतिर्लिंग से बना हुआ है। नेपाल में साल 2015 में एक भयंकर भूकंप आया था, जिसकी वजह से इस मंदिर की कुछ बाहरी इमारतें ध्वस्त हो थी लेकिन इस मंदिर का गर्भग्रह अब भी सुरक्षित है।