गर्मियों में पर्वत की चोटी पर स्थित मसूरी जाने से पहले जानिए ये रोचक जानकारी

भारत के राज्य उत्तराखंड में स्थित मसूरी पहाड़ों की रानी प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज है। मसूरी का प्राकृतिक नजारा पहाड़ों पर नदियों का सैलाब गर्मी के मौसम में बेहद ही खास होता है और यही कारण है कि चिलचिलाती धूप से परेशान लोग मसूरी का सफर करने निकल पड़ते हैं। मसूरी के पर्वतीय वादियों में सैलानियों के पांव ऐसे थमे के थमे रह जाते हैं जैसे मानो यहां की पर्वत श्रंखलाएं उनसे स्वयं कह रही हों "अभी रुको कुछ देर और मेरा दीदार करो"। सैलानियों की सपनों की दुनिया "मसूरी" के इस आकर्षण को नहीं ठुकरा पाते। यह गंगोत्री का प्रमुख द्वार भी है।उत्तराखंड के प्रमुख आकर्षण मसूरी राजधानी देहरादून से 35 किलोमीटर दूर स्थित है। अमूमन दिल्ली व उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए मसूरी बेहद ही खास ग्रीष्मकालीन पर्यटन स्थल है। हिमालय पर्वतमाला के मध्य हिमालय श्रेणी में पड़ने वाला यह एक पर्वतीय पर्यटन स्थल है और यही कारण है कि मसूरी को पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। इस पर्वतीय आकर्षण स्थल की ऊंचाई समुद्र तल से 2005 मी. है। पर्वतीय आकर्षण और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर मसूरी एक परी महल की तरह लगता है।

मसूरी पहुंचने के रास्ते
राजधानी दिल्ली से होकर जाना मसूरी पहुंचने के लिए सबसे आसान रास्ता है। यहां से स्वयं के वाहन से मसूरी पहुंचने में अमूमन 6 से 7 घंटे का वक्त लग सकता है। अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाना चाहते हैं तो कश्मीरी गेट और आनंद विहार से देहरादून  के लिए बस मिल जाती है। उत्तराखंड पहुंचने के बाद वहां की राजधानी देहरादून से मसूरी के लिए बस मिल जाती है। उत्तर प्रदेश से मसूरी का सफर तय करने के लिए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हरिद्वार के लिए ट्रेन मिल जाती है फिर  हरिद्वार से मसूरी के लिए बस मिल जाती है। यहां लोकल साइट सीन के लिए टैक्सी लेने पर 100 रुपये प्रति किलोमीटर किराया है। संभव हो तो आप टैक्सी या स्वयं के वाहन से जाएं जिससे आपके पर्यटन के कुछ पैसे बच सकते है।

यहां के मुख्य आकर्षण स्थल

लैंडोर
लैंडोर मसूरी से 7 किलोमीटर दूर एक छावनी क्षेत्र में स्थित है।प्राकृतिक सुंदरता के साथ साथ शांति के नजरिए से भी ये बेहद ही खास स्थान है। यहां ऐसे कई स्थान मौजूद है जहां से लैंडोर की खूबसूरती और आकर्षण को निहारा जा सकता है। माना जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान अंग्रेजों द्वारा मसूरी मुख्य आकर्षण स्थलों में एक था। अंग्रेज शासक अपना अधिकतर समय मशहूर के हिल स्टेशन पर गुजारा करते थे जिसके कारण आज भी यहा अभी कुछ अंग्रेजियत सभ्यता है।

मसूरी लेक 
मसूरी झील मसूरी शहर से 6 किलोमीटर पूर्व स्थित है। यह लेक मसूरी जाते समय रास्ते का सबसे खुशनुमा खूबसूरत नजारा होता है। यह प्राकृतिक आकर्षण के साथ साथ कृत्रिम आकर्षण भी देखने को मिलते है। 1से 2 घंटे का समय आराम से मसूरी लेक पर गुजारा जा सकता है। मसूरी लेक को मसूरी के पर्यटन आकर्षण क्षेत्रों में हाल ही में शामिल किया गया। इस लेक की प्राकृतिक खूबसूरती देखने के लिए यहां सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है। मसूरी झील का देखरेख और विकास देहरादून ड्यू डोरमेंट अथारटी के अधीन किया जाता है किया जाता है। 

लाल टिब्बा 
पुराने जमाने का यह लाल टिब्बा मसूरी का खूब प्रचलित है। यहां तकरीबन 1 किलोमीटर का ट्रेक करके जाया जाता है। ट्रेक के दौरान यहां का आकर्षक और खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। इन वादियों के आकर्षण मोहिनी में पर्यटक इस भाँति मोह जाते हैं कि उन्हें पता ही नहीं चलता है कि यह रास्ता कब खत्म हो गया और ओ लाल टिब्बा पर पहुंच गए। लाल टिब्बा इस क्षेत्र के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित है। पर्वत की चोटी पर बैठ के प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ इस कैफे से आप लंच डिनर और स्नैक्स का भी लुफ्त उठा सकते हैं।

धनौल्टी 
धनोल्टी देवदार के जंगलों से घिरा हुआ शांतिपूर्ण स्थल के रूप में जाना जाता है। लंबे जंगली ढलान  शांत ठंडी व शांत हवा प्राकृतिक वातावरण, बर्फ से ढंकी पहाड़ियां यहां आए पर्यटकों का मन मोह लेती है। सुकून भरी छुट्टियां मनाने के लिए इसे आदर्श जगह का दर्जा दिया जाता है। यहां देखने लायक जगहों में बाहरी पानी और जोरांड फाल्स, दशावतार मंदिर, इको पार्क, सुरकंडा देवी मंदिर, हिमालया जैन मंदिर आदि शामिल है। यहां बर्फबारी और घुड़सवारी दो मुख्य आकर्षक बिंदु हैं।