हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के कपाट खुले, तीर्थयात्रियों को करना होगा इन नियमों का पालन

कोरोना महामारी के कारण देश के सभी मंदिरों और तीर्थस्थलों को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद कर दिया था। लेकिन अब देशभर में लॉकडाउन की प्रक्रिया शुरू हो गई है और धीरे-धीरे मंदिरों और तीर्थस्थलों को श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है। हाल ही में उतराखंड स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। आपको बता दें कि हर साल मई के महीने में हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाते हैं लेकिन इस साल कोविड 19 के चलते हेमकुंड साहिब की यात्रा तीन महीने देर से शुरू हुई है। इस बार सिर्फ एक महीने छह दिन के लिए ही हेमकुंड साहिब के दर्शन किए जा सकेंगे। बीते शुक्रवार यानी 4 सितंबर को सुबह अरदास के बाद 10 बजे हेमकुंड साहिब गुरूद्वारे के कपाट को श्रद्धालुओं के दर्शन के खोला गया है।

हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। इस गुरूद्वारे की ऊंचाई 15200 फीट है और यहां पर 6 महीने तक बर्फ जमी रहती है। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा में 20 किलोमीटर की सामान्य चढ़ाई और प्लेन रास्ते के बाद गुरुद्वारा गोबिंद धाम से गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब तक 6 किलोमीटर की तीखी चढ़ाई तय करनी होती है। कोरोना महामारी के बीच गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने  हेमकुंड यात्रा के लिए पहुँचने वाले श्रद्धालुओं के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं। यात्रा के लिए आए तीर्थयात्रियों को कोविड 19 के नियमों का पालन करने का अनुरोध किया गया है। 

गुरूद्वारे में प्रवेश की अनुमति किसे मिलेगी - 
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में सिर्फ ऐसे श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति मिलेगी जिनमें COVID-19 के लक्षण नहीं होंगे।
10 साल से कम या 60 साल से ज्यादा के लोगों और गर्भवती महिलाओं को यह यात्रा करने की अनुमति नहीं दी गई है। 
ऐसे लोग जो किसी घातक बीमारी से पीड़ित हों, उन्हें गुरुद्वारे में ना आने की सलाह दी गई है।

अन्य राज्यों से पहुँच रहे तीर्थयात्रियों के लिए नियम - 
दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को एंटीजेन COVID-19 टेस्ट करवाना अनिवार्य है। 
यात्रा के लिए आगे बढ़ने की अनुमति केवल ऐसे श्रद्धालुओं को ही दी जाएगी जिनका COVID-19 टेस्ट निगेटिव आया हो।
जिन तीर्थयात्रियों ने देहरादून के वेब पोर्टल पर पंजीकरण करवाया हो सिर्फ उन्हें ही श्री हेमकुंड यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।

गुरुद्वारा जाते समय बरतनी होंगी ये सावधानियां -  
सभी तीर्थयात्रियों को फेस मास्क-कवर पहनना अनिवार्य है। 
श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा परिसर के अंदर अपने हाथों और पैरों को साबुन से धोते रहने की सलाह दी गई है। 
सभी श्रद्धालुओं के लिए गुरूद्वारा परिसर के अंदर 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखना अनिवार्य है। 
श्रद्धालु अपने इस्तेमाल किए हुए फेस मास्क-कवर को सही तरीके से डस्टबिन में डालें। 
गुरुद्वारा परिसर में थूकने पर कड़ा प्रतिबंध होगा।  
 श्रद्धालु गुरुद्वारा परिसर में किसी सतह या चीज को ना छुएं।