प्राचीन इतिहास और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध हम्पी, रामायण में भी है इसका जिक्र

हम्पी दक्षिणी भारत के शहर विजयनगर में स्थित एक छोटा सा गांव है। यह कर्णाटक में तुंगभद्रा नदी के किनारे पर स्थित है। हम्पी नाम कन्नड़ शब्द हम्पे से आया है। हम्पे शब्द तुंगभद्रा नदी के प्राचीन नाम पम्पा पर पड़ा था। ये शहर मध्यकालीन हिंदू राज्य, विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। अब हम्पी को विजयनगर का अवशेष माना जाता है। इसे यूनेस्को ने भारत में स्थित विश्व विरासत का दर्जा दिया है। इतिहास और पुरातत्व के लिहाज से हम्पी खास है। हम्पी में बहुत सी एतिहासिक स्मारक और धरोहर दिखायी देते है। अपने समय में यह दुनिया का सबसे विशाल और समृद्ध गाँवों में से एक माना जाता था। इस धर्म के लोगों ने यहीं रहकर अपने साम्राज्य में विरूपाक्ष मंदिर और बहुत से एतिहासिक स्मारकों का निर्माण किया। हम्पी गोल चट्टानों के टीलों के रूप में फैला हुआ है जिनमें 500 से अधिक स्मारक चिन्ह हैं। यहाँ मन्दिर, महल, तहखाने, खंडहर, पुराने बाजार समेत कई अन्य इमारतें हैं। हम्पी का नाम धार्मिक ग्रंथ रामायण में भी सुनने में आया है जिसे किष्किन्धा नाम से दर्शाया गया है। हम्पी को 1986 में यूनेस्को द्वारा 'विश्व विरासत स्थलों' में शामिल किया गया है। इसे एशिया का सबसे बड़ा खुले स्मारकों वाला शहर भी माना जाता है। 

हम्पी में बहुत से प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर हैं। आज हम आपको हम्पी के कुछ सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे  - 

उगरा नरसिम्हा मंदिर 
उगरा नरसिम्हा मंदिर हम्पी में श्रीकृष्ण मंदिर के दक्षिण में स्थित है। लक्ष्मी नरसिम्हा मूर्ति हम्पी में पाए जाने वाली सबसे आकर्षक मूर्तियों में से एक है।
इस मूर्ति की सबसे खास बात यह है कि इसकी ऊँचाई 6।7 मीटर है और यह हम्पी में सबसे बड़ी मोनोलिथ मूर्ति है। इसका निर्माण कृष्णादेवराय के शासन के दौरान 1528 ईस्वी में करवाया गया था। इसे हम्पी में पाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण स्मारकों में से एक माना जाता है।

मल्यावंता रघुनाथास्वमी मंदिर
यह मंदिर जमीन से 3 किलोमीटर नीचे बना है। यह मन्दिर प्राचीन भारतीय शैली की वास्तुकला में बनाया गया है। इसकी अंदर की दीवारों पर मछली, समुद्री जीवों की कलाकृतियाँ आदि वास्तुकला को दर्शाया गया है।

हजारा राम मंदिर
यह एक खंडहर जैसा मंदिर है जिसको हिन्दू धर्मशास्त्रों में बहुत महत्त्वपूर्ण माना गया है। यह मंदिर लगभग 1000 से ज्यादा लकड़ियों की खुदाई, शिलालेख और रामायण की पुरानी कथाओं के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में प्रसिद्ध संगीतमय खंभे बने हुए है। इस संगीतमय पिलर के चमत्कारी रहस्य को जानने के लिए ब्रिटिश ने दो खंभों को भी तोड़ा भी लेकिन इस बात का पता नहीं चल सका कि आखिर मंदिर में बने खंभों से आवाज क्यों निकलती है।
 

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विरूपाक्ष मंदिर
विरूपाक्ष मंदिर कर्नाटक के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है।  यह मन्दिर पम्पवति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह मंदिर हम्पी के बाजार में स्थित है जो कि विजयनगर साम्राज्य की स्थापना से पहले का है। इस मंदिर में प्रवेश किए जाने वाले दरवाजे पर 160 फुट का एक टावर है। विरुपक्ष मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। विरूपाक्ष को भगवान शिव का अवतार माना जाता है।

विजय विट्ठल मंदिर 
विजय विट्ठल मंदिर तुंगभद्र नदी के दक्षिणी तट पर स्थित एक प्राचीन स्मारक है। इसे रथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह हम्पी में सबसे बड़ी और सबसे प्रसिद्ध संरचनाओं में से एक है। यह मंदिर स्टोन रथ और संगीत स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है और हम्पी यात्रा पर जाने के लिए प्रमुख स्थान है।

हेमकुटा मंदिर समूह
हेमकुटा मंदिर समूह, विरुपक्ष मंदिर के निकट हम्पी में हेमकुता पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मंदिरों का एक समूह है। हेमकुता का शाब्दिक अर्थ है सुनहरी  पहाड़ी। यह हम्पी में सबसे आकर्षक पहाड़ियों में से एक है। यह विभिन्न आकारों के मंदिरों, मंडपों, दीर्घाओं और गेटवे सहित विभिन्न प्रकार के पचास संरचनाओं द्वारा सजा हुआ है।