इस चतुर्थी घर पर ही बनाएं बप्पा की शानदार मूर्तियाँ, करें ईको फ्रेंडली गणेश पूजन

गणेश चतुर्थी के मौके पर पूरी दुनिया आस्था के रंग में रंगी नजर आती है। पर्व के आगमन से पूर्व ही गणपति बप्पा की मूर्तियां बनाने की तैयारियों की जुगत शुरू हो जाती है।हर वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति की पूजा की जाती है यही कारण है कि पूजे जाने वाली मूर्ति बनाने की तैयारी पर्व के पूर्व ही शुरू हो जाती है।यह मूर्तियां कई कैमिकल से बनाई जाती है जिनका विसर्जन करने पर नदियों और समुद्रों का जल दूषित होता है। प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए ईको फ्रेंडली मूर्तियों का उपयोग करना चाहिए। इको फ्रेंडली मूर्तियों का उपयोग करने से पर्व भी आसानी से बनाया जा सकता है और साथ में पर्यावरण और जल दूषित होने से भी बचाया जा सकता है।प्राकृतिक चीजों का संरक्षण करके आस्था के इस पर्व को मनाया जाए तो भगवान का आशीर्वाद और खुशियां दोनों में इजाफा हो जाता है।इस पर्व को बेहतर और अनोखे ढंग से करने के लिए ईको फ्रेंडली मूर्तियों को अनूठे जुगत से घर पर भी बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसी कौन सी चीजें हैं जिनसे घर पर ही गणपति बप्पा की शानदार मूर्तियाँ तैयार की जा सकती है।

चावल से बनाए बप्पा की मूर्ति 

चावल से गणपति बप्पा की मूर्ति आसानी से घर पर बनाई जा सकती है। चावल से गणपति की मूर्ति बनाने के एक चौकी पर साफ कपडा बिछा दें, उसी कपड़े पर चावल के दाने रख कर दाने से गणपति बप्पा का आकार में बना कर उसी की पूजा करें।यह सोचकर आप हैरत में पड़ गए होंगे कि चावल से बने गणपति का विसर्जन कैसे किया जा जाएगा परंतु ये किसी चिंता का विषय नहीं है। चावल से बने गणपति की पूजा करने के उपरांत इसी चावल की खीर बना कर प्रसाद के रूप में बांटा जा सकता है। इस प्रकार से पर्व के त्यौहार के आनंद के साथ साथ प्रकृति को भी बचाया जा सकता है।

फूलों के बने गणपति 

फूलों से बड़े ही कम समय में गणपति बप्पा की शानदार प्रतिमा तैयार की जा सकती है। अमूमन समय की कमी होने के कारण फूलों से कई जगह बप्पा की मूर्ति तैयार की जा चुकी है। फूलों से बप्पा को स्थापित करने के लिए किसी स्थान पर फूलों से भगवान गणेश का आकार प्रदान कर के उसकी पूजा की जा सकती है।फूलों की यह प्रतिमा बेहद आकर्षित और शानदार लगती है। फूलों से बनी बप्पा की इस प्रतिमा का विसर्जन बाग, बगीचों, घर में लगे पौधों गमलों में आसानी से किया जा सकता है। टूटे हुए फूल कुछ दिन के उपरांत मिट्टी में मिलकर नए पौधों के रूप में उग जाते हैं। इस प्रकार से बप्पा की आकर्षण प्रतिमा के साथ साथ नदियों के जल को दूषित होने से बचाया जा सकता है।

मिट्टी के गणेशा 

गणेश चतुर्थी के पर्व पर कई ऐसे भी गणपति बप्पा के भक्त हैं जो बाहर से मूर्तियां लाना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे लोग घर में स्वयं से मिट्टी की आकर्षक मूर्ति तैयार करते हैं और उसी मूर्ति की पूजा करते हैं। गजानन की इस मूर्ति को गीली चिकनी मिट्टी उसे बनाकर रोली, हल्दी, गुलाल जैसे रंगों से रंग भी सकते है। इस प्रतिमा का विसर्जन गमलों में या बगीचों में कर सकते हैं। मिट्टी की बनी यह प्रतिमा पर्यावरण को किसी भी प्रकार से दूषित नहीं करती है।

चॉकलेटी गजानन 

चॉकलेट एक खाद्य पदार्थ है। चॉकलेटी गजानन का नाम तो आपने सुना होगा,चॉकलेट से बनी भगवान गणेश की मूर्ति को कई लोग आम बोलचाल की भाषा चॉकलेटी गजानन कहते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी के पर्व पर चॉकलेट से बने गजानन स्थापित कर उनकी पूजा की जा सकती है। चॉकलेट के जरिये मूर्ति बनाने के लिए समुचित मात्रा में चॉकलेट लेकर उसे गणपति बप्पा का आकार दे और स्थापित कर दे।विसर्जन के दिन दूध में मिलाकर शेख बना के प्रसाद के रूप में या फिर चॉकलेट मोदक बनाकर प्रसाद के रूप में बांटा जा सकता है।

फिश फूड के बने गणेश जी 

कुछ भक्तों को ऐसा लगता है कि मूर्ति का विसर्जन जल में ही करना चाहिए।फीस फूड की बनी मूर्तियों से जल दूषित नहीं होता है। फिश फूड से बनी मूर्तियां देखने में भी शानदार लगती हैं, ऐसी मूर्तियों को स्थापित करके पूजा करने के बाद समुद्र नदी या फिर नहर में विसर्जित कर देना चाहिए।

कहा बनती है मूर्तियां

हमारे देश में यह मूर्तियां 300 से भी ज्यादा कारखानों में बनाई जाती है। जिसमें लगभग 40 से 50 हज़ार मूर्तियां हर साल बनाई जाती है। जिसमें से कई मूर्तियां अमरीका, इंग्लैंड, मॉरीशस और दूसरे देशों तक जाती है। हमारे देश में यह मूर्तियां मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर और गुजरात आदि जैसे कई शहरों में यहाँ की मूर्तियों को ले जाया जाता है। इसके अलावा कई लोग इन मूर्तियां को अपने घर पर भी बनाया करते है। गणेश मुर्तियों के लिए सबसे फेमस है मुंबई-पुणे के बीच बसे गाँव पेण को हमारे देश का सबसे बड़ा आर्ट सेन्टर माना जाता है। इस स्थान पर लोगों की माने तो राजा-महाराजाओं के दौर से ही मूर्तियों का काम हो रहा है। इस गाँव की हर गलीओ में मूर्तियों के कारखाने है। इस स्थान पर बनी मूर्तियां हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों तक ले जाती है और बहुत ही प्रसिद्ध है। इन कारखानों में काम करने वालों की माने तो यह उनका पुश्तैनी कारखाना है और कई परिवार गणपति की इन मूर्तियों को कई पीढ़ियों से बनाते आ रहे है। कारखानों में काम करने वालों का यही मानना है कि उनके गाँव में मूर्तियों की कमाई उनके कमाई का सबसे बड़ा स्त्रोत है।

कितने में बनती है ये मूर्तियां

इन मूर्तियां की कीमत 100 रुपए से लेकर 75 हज़ार रुपए तक होती है।वहीं कारोबारीयों का मानना है कि मूर्तियां की धन्धे में 20 से 25 % का इजाफा होता है।लेकिन मूर्तियों पर जीएसटी लगने की वज़ह से और पेंट और वार्निश पर टैक्स दोगुना होने के वज़ह से अब इन मूर्तियां के दाम दोगुना हो गए है क्योंकि कच्चे माल के अलावा सजावट की समानो पर भी टैक्स बढ़ गया है जिसका असर मूर्तियों की कीमत पर हो रहा है। अगर दाम की बात की जाए तो इसे बनने में तो कम पैसे लगते है मगर टैक्स, कारखाने की किराये, वर्कसर्स के पैसे, जीऐसटी आदि के वज़ह से इनके दाम बढ़ जाते है। आइये जानते है कैसे गणपति मूर्तियों के दाम आसमान छूने लगे। जहां 20 इंच की मूर्ति 2200 में आती थी तो वही अब 4400 में आने लगी है। वही 2.4 इंच की मूर्ति 4000 की मिलती थी अब बढकर 5500 में हो चुकी है।

आसान तरीकों से बनाएं घर पर ही शानदार बप्पा की मूर्ति 

घर पर गणपति बप्पा की मूर्ति मिट्टी से तैयार कि जा  सकती है। आइए जानते हैं आसान तरीकों से कैसे घर पर ही गणपति बप्पा की मूर्ति बनाई जा सकती है।मूर्ति बनाने के लिए आवश्यक वस्तुओं में चिकनी मिट्टी,पानी, toothpicks, चाकू या चम्मच है।3-4 इंच मूर्ति को बनाने में 30 मिनट लग सकता है।आइये जानते हैं मूर्ति बनाने की विधि 

1. पानी और मिट्टी को मिलाकर आटा तैयार करें। यदि आप चाहते हैं कि आपकी मूर्ति आपको एक पौधा दे, तो अपनी पसंद के किसी भी बीज के साथ आटा को संक्रमित करें। उन्हें धड़, हाथ, कान, धड़, चेहरे और पैरों सहित विभिन्न टुकड़ों या शरीर के हिस्सों में काटें।

2.मूर्ति का आधार बनाने के लिए एक अलग टुकड़ा लें। इसे समतल करें और इसे एक चौकोर आकार दें।एक गेंद (धड़) बनाएं और इसे आधार के साथ जोड़ दें। शामिल होने के लिए 2 टूथपिक का उपयोग करें या आप पानी की बूंदों का भी उपयोग कर सकते हैं। 

3.हाथ, पैर और मूर्ति की सूंड बनाएं। पैरों के लिए, लंबे रोल बनाएं और किनारों को बाहर की ओर समतल करें और इसे धड़ से चिपका दें।एक रोल ले  और इसे पीछे से मूर्ति के चारों ओर लपेट ले। दाहिने हाथ के लिए, किनारे को समतल करें और इसे आशीर्वाद की तरह ऊपर की ओर करें। उंगलियों को हथेली पर रखें। बाएं हाथ के लिए, आप एक लड्डू रख सकते हैं।

4.सिर (गोल आकार) लें और इसे धड़ से ऊपर रखें।एक और लंबा रोल (ट्रंक) लें और इसे सुडौल बनाएं। इसे सिर के केंद्र पर चिपका दें। आप या तो नुकीले रूप दे सकते हैं या इसे बाएं हाथ की ओर झुका सकते हैं जिसमें एक लड्डू है।

5.आंखों और कानों के लिए छोटे आकार के गोले बनाएं। कान और आंखों को आकार दें और उन्हें अंतिम चरण में छड़ी दें।

6.एक बार गणपति की मूर्ति का एक मोटा लेआउट तैयार हो जाता है, जटिल धोती डिजाइन बनाने के लिए एक चाकू या टूथपिक्स का उपयोग करने के लिए पगड़ी या स्टोल बनाने के लिए अतिरिक्त मिट्टी का उपयोग करें । मूर्ति को स्टील के कटोरे में या केले के पत्ते पर रखें। इस प्रकार साधारण रूप से बिना केमिकल के इस्तेमाल मिट्टी के जरिए गणपति बप्पा की मूर्ति आसानी से बनाई जा सकती है।