चार धाम की यात्रा पर जा रहे हैं तो पढ़ लें यह जानकारी, इस दिन बंद होंगे केदारनाथ-बद्रीनाथ के कपाट

उत्तराखंड स्थित चार धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खबर है।  हाल ही में पूरे विधि-विधान और ज्योतिष गणना के बाद केदारनाथ-बद्रीनाथ  धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा कर दी गई है। आपको बता दें कि हर साल शीतकाल में उत्तराखंड स्थित चार धाम के कपाट बंद किए जाते हैं।  हर साल मार्च-अप्रैल के महीने में केदारनाथ-बद्रीनाथ के कपाट खोले जाते हैं, वहीं अक्टूबर-नवंबर में कपाट बंद किए जाते हैं।  आपको बता दें कि रविवार को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर और मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ में केदारनाथ-बद्रीनाथ के कपाट बंद करने की तिथि की घोषणा की गई है।  

19 नवंबर को बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
रविवार को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की मीटिंग के बाद इस बात का ऐलान किया गया कि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर बंद किए जाएंगे।  केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के अवसर पर 16 नवंबर को सुबह 8। 30 बजे बंद होंगे। वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर 16 नवंबर को 12 बजकर 15 मिनट पर बंद होंगे। गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 15 नवंबर पूर्वाह्न में बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 19 नवंबर को प्रात: 7 बजे बंद होंगे। तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 4 नवंबर 11। 30 बजे बंद होंगे।

22 नवंबर को होगा मद्महेश्वर मेले का आयोजन 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड द्वारा जारी सूचना के मुताबिक इस साल मद्महेश्वर मेले का आयोजन 22 नवंबर को किया जाएगा।  
 

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आपको बता दें कि इस बार कोरोना महामारी के चलते कोरोना महामारी के चलते मार्च से ही सभी धार्मिक स्थलों को यात्रियों के लिए बंद कर दिया गया था। लेकिन अनलॉक की प्रक्रिया के तहत उत्तराखंड सरकार ने सीमित संख्या में यात्रियों के लिए चार धाम की यात्रा शुरू कर दी थी। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने चार धाम दर्शन के लिए आने यात्रिओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।
 
चार धाम की यात्रा पर आए सभी यात्रियों को इन गाइडलाइन्स का पालन करना अनिवार्य है - 
 
दूसरे राज्य से आए श्रद्धालुओं को करना होगा क्वारंटाइन
बोर्ड की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन्स के अनुसार दूसरे राज्य से आए श्रद्धालुओं को क्वारंटीन के सभी दिशानिर्देशों का पालन करने के बाद ही चारधाम में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही चार धामों में दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। 

धाम में एक रात ठहरने की ही अनुमति
बोर्ड की तरफ से जारी गाइडलाइन्स के अनुसार दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालु को धाम के विश्राम गृह में एक रात ही ठहरने की अनुमति होगी। आपातकालीन स्थिति, सड़क बाधित होने और स्वास्थ्य संबंधी परेशानी में ही जिला प्रशासन की अनुमति से इसे बढ़ाया जा सकेगा। जिस लोगों के धाम क्षेत्र में होटल, रेस्टोरेंट, धर्मशाला, ढांबे और अन्य परिसंपत्तियां हैं, वे मरम्मत कार्य के लिए प्रशासन की अनुमति से जा सकेंगे और एक दिन से ज्यादा ठहर सकेंगे। 

बुुजुर्ग और बच्चे नहीं जा सकेंगे दर्शन करने
कोरोना संक्रमण को देखते हुए चारधाम में 65 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग और 10 साल से कम आयु के बच्चों को जाने की अनुमति नहीं होगी। 

मंदिरों में प्रसाद और चढ़ावे पर रोक 
कोरोना संक्रमण को देखते हुए धामों के मंदिरों में बाहर से लाए गए प्रसाद और चढ़ावे पर रोक रहेगी। मूर्तियों को छूने पर भी प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ और पैर धोना अनिवार्य होगा।