गुजरात घूमने का प्लान है तो मांडवी जाना ना भूलें, जानें यहाँ घूमने के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल

मांडवी भारत के गुजरात राज्य के कच्छ जिले में समुद्र के किनारे पर बना हुआ एक शहर है। इस शहर की स्थापना 1580 में कच्छ के राव, खेंगारजी द्वारा की गई थी। ऐतिहासिक रूप से, मांडवी कच्छ क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करता था क्योंकि यह कच्छ राज्य के महाराव शासक के अधीन था। मांडवी में एक कई साल पुराण जहाज निर्माण उद्योग है, जो खारवा के शासक द्वारा शुरू किया गया था, जो अभी भी लकड़ी के जहाज बनाता है। अगर आप कच्छी संस्कृति को करीब से अनुभव करना चाहते हैं तो मांडवी जरूर घूमने जाएं। वैसे तो मांडवी बीच इस शहर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है, लेकिन मांडवी में घूमने के लिए कुछ और स्थान हैं जो पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते हैं -

मांडवी 
मांडवी गुजरात में सबसे सुंदर समुद्र तटों में से एक है। इस बीच से सनसेट बहुत सुंदर दिखाई देता है। मांडवी बीच तक पहुंचने के रास्ते में आपको एक विशाल विंडमिल दिखाई देगा। यहाँ आप अपनी फैमिली और दोस्तों के साथ यादगार समय बिता सकते हैं। बीच के किनारे वॉक करते हुए आपको सुकून और आनंद का अनुभव होगा। 

विजय विलास पैलेस
मांडवी के नजदीक स्थित विजय विलास पैलेस एक भव्य और सुंदर महल है। यह पैलेस भुज के राजा का था और यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है। यह पैलेस अपनी खूबसूरत वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह राजपूत शैली में लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया था, जिसमें एक मुख्य केंद्रीय गुंबद, किनारे पर गुंबद, कोने पर गढ़ और रंगीन कांच की खिड़कियां थीं। शीर्ष पर स्थित बालकनी आसपास के क्षेत्र का एक शानदार दृश्य पेश करती है, और राजा के मकबरे को भी देखा जा सकता है।

मजार-ए-नूरानी दरगाह
मांडवी में स्थित मजार-ए-नूरानी दरगाह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। दाऊदी वोहरा समाज के लोगों में इस दरगाह के प्रति बहुत आस्था है। यह दरगाह सयदना नूर मोहम्मद नूरूद्दीन साहब की है। दूर-दूर से लोग इस दरगाह पर माथा टेकने आते हैं। 

72 जिनालय जैन मंदिर
72 जिनालय गुजरात के सबसे लोक[प्रिय मंदिरों में से एक है। मांडवी में सफेद संगमरमर का बना एक खूबसूरत जैन मंदिर भी है। यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह भगवान महावीर के 72 डेरों का मंदिर है। यह भुज मांडवी मार्ग पर स्थित है।

शिपयार्ड 
मांडवी का शिप बिल्डिंग यार्ड रुक्मावती नदी के किनारे स्थित है। यहाँ कुशल कारीगरों को जहाज़ बनाते हुए देखना एक यादगार अनुभव होता है। यहाँ मुख्य रूप से लकड़ी का कारोबार होता है। यह शिल्पकार घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के लिए जहाज बनाने के लिए पारंपरिक तकनीकों का उपयोग करते हैं।