छुट्टियाँ बिताने के लिए जाएं इंफाल, यहाँ घूमने के लिए हैं कई आकर्षक स्थल

मणिपुर की राजधानी, इंफाल छुट्टियाँ बिताने के लिए एक शानदार जगह है। समुद्र तल से 790 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर, अपनी प्राकृतिक सुंदरता से यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह शहर चारों तरफ से हरी-भरी घाटियों से गिरा है, जहाँ आप सुकून का अनुभव करते हैं। आज के इस लेख में हम आपको इम्फाल में घूमने के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं - 
 
लोकतक झील
लोकतक झील को देश की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील माना जाता है। सेंद्रा द्वीप लोकतक झील के मध्य किसी ऊपर उठे हुए पहाड़ की तरह दिखता है। लोकतक झील के सामने बेहद खूबसूरत छोटे-छोटे आइलैंड हैं। यह जगह अपनी खूबसूरती से यहाँ आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहाँ आप बोटिंग, केनोइंग और दूसरे वॉटर स्पोर्ट्स ऐक्टिविटीज का आनंद ले सकते हैं।

कंगला किला
मणिपुर में स्थित कंगला किला एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। यह स्थान इंफाल नदी के तट पर स्थित है, जो राजा पखंगबा के शाही महल के रूप में कार्य करता था। 2003 के बाद यह किला जनता के देखने के लिए खुला है। इसका ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व है जो इसे एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण बनाता है। 

शहीद मीनार 
यह 11 मीटर लंबा टॉवर बीर तिरकेंद्रजीत पार्क के केंद्र में स्थित है। यह उन लोगों के लिए एक स्मारक है, जो 1891 में मीती विद्रोह में लड़ते हुए अंग्रेजों के खिलाफ मारे गए थे।
 

इसे भी पढ़ें: भुज घूमने का प्लान है तो इन जगहों पर जाना ना भूलें


मणिपुर राज्य संग्रहालय
इंफाल में स्थित मणिपुर राज्य संग्रहालय राज्य के सबसे लोकप्रिय संग्रहालयों में से एक है। 1969 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री, इंदिरा गांधी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था। यह राज्य के सबसे प्रमुख संग्रहालयों में से एक है और साथ ही साथ यह एक बहुत ही लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। मणिपुर राज्य संग्रहालय में प्राकृतिक इतिहास, नृविज्ञान और पुरातत्व के प्रदर्शन के साथ दीर्घाओं की एक विस्तृत विविधता है। यह आदिवासी कपड़ा, शाही वेशभूषा, पोलो गियर, बुद्ध के अवशेष और राजाओं और उनके लोगों द्वारा इस्तेमाल किए गए युद्ध के हथियार है। इंफाल पश्चिम में पोलो ग्राउंड के पास निर्मित, संग्रहालय जागरूकता कार्यक्रम और विषयगत प्रदर्शनियां भी आयोजित करता है।

एबुधो थांगजिंग मंदिर
बिष्णुपुर में स्थित मोइरांग अपनी समृद्ध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लिए प्रसिद्ध है। मई के दौरान 'मोइरांग लई हाराओबा' त्योहार मनाया जाता है, जिसमें लोग 'इबुधो थंगजिंग' का आशीर्वाद लेने के लिए देश के कोने-कोने से आते हैं। यह त्योहार लगभग एक महीने तक चलता है और प्रत्येक रविवार को, देवता को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया जाता है। इसके साथ ही यह वही स्थान है जहाँ नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी और जहाँ उन्होंने 14 अप्रैल 1944 को झंडा फहराया था।

श्री गोविंदजी मंदिर 
शाही महल के पास स्थित, यह मंदिर मणिपुर के प्रमुख स्थानों में से एक है। इसका निर्माण वास्तुकला की नगा शैली में किया गया है। यह श्री गोविंदजी के साथ-साथ कई अन्य हिंदू देवी-देवताओं जैसे कृष्ण, बलराम, जगन्नाथ, सुभद्रा आदि को समर्पित है।

केबुल लमजाओ नैशनल पार्क
केबुल लमजाओ नैशनल पार्क संगाई नाम की स्थानीय प्रजाति वाली दुर्लभ हिरण का घर है। यह नैशनल पार्क प्रसिद्ध लोकटक लेक के किनारे पर स्थित है और संगाई हिरणों का प्राकृतिक आवास है। इस पार्क की सबसे खास बात यह है कि यह पानी पर तैरता हुआ पार्क है।