हरिद्वार घूमने जा रहे हैं तो इन जगहों पर ज़रूर जाएं

हवा में घुली पवित्रता, चारों ओर आरती और मंत्रों की आवाज़ और घाट-घाट पर गंगा का पानी.... अगर आप भी कुछ ऐसा अनुभव करना चाहते हैं तो हरिद्वार जाने का प्लान ज़रूर बनाएं। हरिद्वार देश के सात प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। माना जाता है कि गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं, यही कारण है कि दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। यहां घूमने के लिए बहुत से मंदिर और ऋषि-मुनियों के आश्रम हैं। प्राचीन मान्यता के अनुसार ये उन चार जगहों में से एक है जहां समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूँदे गिरी थी इसीलिए यहां हर 12 साल में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। हरिद्वार की गंगा आरती बहुत प्रसिद्ध है और दुनिया भर से लोग इस आरती में शामिल होते हैं। अगर आप अपनी रोज़ की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी से दूर, कहीं सुकून पाना चाहते हैं तो हरिद्वार की पावन जलवायु आपके तन और मन को शांत और शुद्ध कर देगी। आज के इस लेख में हम आपको हरिद्वार की मुख्य घूमने की जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं।

हर की पौड़ी

हर की पौड़ी हरिद्वार की प्रमुख जगहों में से एक है। हर की पौड़ी का अर्थ है - प्रभु के पैर। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु प्रकट हुए थे और हरि की पौड़ी पर एक पत्थर पर भगवान के पदचिन्ह भी हैं। इस घाट से गंगा पहाड़ों को छोड़ मैदान की तरफ मुड़ती है। इस घाट पर श्रद्धालुओं की सबसे ज़्यादा भीड़ होती है। प्रतिदिन गंगा आरती का आयोजन भी इसी घाट पर होता है।

मनसा देवी मंदि

हरिद्वार से 3 किलोमीटर की दूरी पर बिलवा पर्वत पर स्थित यह मंदिर आस्था का एक प्रमुख स्थल है। मनसा देवी को पार्वती का ही एक रूप कहा गया है। माना जाता है कि मनसा देवी मंदिर में मांगी गई मन्नत ज़रूर पूरी होती है इसलिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं। हरिद्वार से यहां तक चल कर आया जा सकता है या रोपवे के जरिए भी पहुंचा जा सकता है।

पारद शिवलिंग

हरिद्वार से 2 किलोमीटर दूर स्थित कनखल का पारद शिवलिंग हरिहर आश्रम बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ शुद्ध पारे से बने १५१ किलो के शिवलिंग की स्थापना की गई है। यहां हर साल लाखों भक्त आते हैं। यहाँ एक रूद्राक्ष का पेड़ भी है जो श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र है।

सप्तऋषि आश्रम

यह आश्रम सात ऋषियों के नाम पर बनाया गया है। माना जाता है कि यहां सात ऋषि बैठकर पूजा करते थे इसलिए इसे सप्तऋषि कुंड भी कहा जाता है। इस आश्राम के परिषर में कई मंदिर भी बने हुए हैं।

वैष्णो माता मंदिर

इस मंदिर का निर्माण 10 साल पहले हुआ था लेकिन यह हरिद्वार के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर कटरा में बने वैष्णो माता के मंदिर का रेप्लिका है। इस मंदिर में भी वैष्णो देवी की तरह गुफाएं बनाई गई हैं।

भारत माता मंदिर

भारत माता मंदिर को मदर इंडिया मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर भारत माता को समर्पित है और यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहाँ भारत माता की मूर्ती की पूजा होती है। इस मंदिर का निर्माण 1983 में स्वामी सत्यमित्रानंद द्वारा किया गया था और इसका उद्घाटन इंदिरा गाँधी ने किया था। यह मंदिर 108 फीट ऊंचा है और इसमें  कुल 8 मंजिलें हैें। हर एक मंजिल में अलग अलग देवी-देवताों और स्वतंत्रता संग्रामियों की मूर्ती व फोटो हैं।

विष्णु घाट

हरिद्वार के सबसे प्रसिद्ध घाटों में से एक विष्णु घाट है। ऐसा माना जाता है की यहां भगवान विष्णु ने स्नान किया था और यहां स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं, इसी वजह से यहां श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ देखने को मिलती है।