क्या आपने कभी खाया है ये काला सेब, कीमत जानकार हो जाएंगे हैरान

आपने आमतौर में सिर्फ लाल रंग के सेब ही देखें होंगे लेकिन आज हम आपको काले रंग के सेब के बारे में बताएंगे। तिब्बत में उगने वाला ये काला सेब जिसे ब्लैक डायमंड भी कहते है खाने में बहुत ही लज़ीज़ होता है। तिब्बत की पहाड़ियों में "हुआ नियु" नामक एक फल उगता है, जिसे काला सेब कहते है। तिब्बत की मशहूर कंपनी "दन्डोंग टिआलुओ शेंग नोंग ई-कॉमर्स ट्रेड" ही एक ऐसी कंपनी है, जो 50 हेक्टर में इसकी खेती करती है। तिब्बत में यह सेब किलों के नहीं बल्कि एक सेब के हिसाब से मिलते है जिसमें एक सेब की कीमत 50 युआन यानि भारतीय रुपय में 500 रुपये है।  
 
इन कारणों से इसका नाम पड़ा ब्लैक डायमंड- तिब्बत में तापमान अलग होने के कारण सेब का रंग काला होने लगता हैं। यहाँ तक कि तिब्बत में कुछ फूल भी ऐसे मिलते हैं जो बेहद ही अलग रंग के होते हैं। तिब्बत में भरपूर मात्रा में सूर्य की रोशनी और अल्ट्रा वॉयलेट रेज़ पड़ने की वजह से अक्सर सेब काले होने लगते हैं जिसकी वजह से तिब्बत के यह सेब काफी फेमस है। 
 
दिखने में हैं बेहद खूबसूरत - ब्लैक डायमंड (काला सेब) दिखने में बेहद ही खूबसूरत होता है। काले सेब में इतनी ज्यादा चमक पाई जाती है कि इससे लोग दूर से ही इनके खेतों की तरफ खेंचे चले आते हैं। कहा जाता है कि धूप कि वजह से इसका रंग बैंगनी होने लगता है। दो रंग के इस सेब को बहुत कम लोग ही खा पाते हैं। इस सेब की कीमत की वजह से इसे हर कोई नहीं खरीद पाता।      
 
8 साल में लगते है खूबसूरत सेब - आमतौर में लाल सेब के पेड़ में फल आने में तक़रीबन 4 से 5 साल लगते है लेकिन काले रंग के सेब को 8 साल या उससे ज्यादा लग जाते हैं। लाल सेब के पेड़ में 80 फीसदी सेब हर साल लगते हैं लेकिन काले सेब के पेड़ में  सिर्फ 30 फीसदी ही सेब लग पाते है। जो खेतों से सीधा बाहर दूसरी जगहों में निर्यात हो जाते हैं। जिसकी वजह से तिब्बत वालों को भी ये सेब खाने को जल्दी से नहीं मिल पता।  
 
2015 से उगने शुरू हुए काले सेब - 2015 से काले सेब तिब्बत में उगाने लगे। 2015 के बाद इन सेबों की खेती और भी पेड़ों में होने लगी जिसके बाद ये सेब तेज़ी से बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझोउ और शेन्जेन में भी निर्यात होने लगे। इन सेबों को तिब्बत में एक-एक करके गिफ्ट के तौर में दिया जाता है। काले सेब को एक बेशकीमती सेब मानते है।