जम्मू-कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं तो पढ़ लें यह लेख, केंद्र सरकार ने सुनाया यह अहम फैसला

भारत के सबसे खूबसूरत राज्य जम्मू-कश्मीर के बारे में कहा जाता है कि दुनिया में कहीं स्वर्ग है तो यहीं है। जम्मू-कश्मीर अपनी खूबसूरती के लिए देश ही नहीं दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हर किसी की चाहत होती है कि ऐसी सुंदर, जन्नत-जैसी जगह पर उसका घर हो।  लेकिन अभी तक जम्मू कश्मीर ने सिर्फ वहां के निवासियों को ही जमीन खरीदने की अनुमति थी। हाल ही केंद्र सरकार के एक अहम फैसले के बाद उन लोगों का सपना पूरा हो सकेगा जो जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदना चाहते हैं।  जी हाँ, अब कोई भी भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकता है और वहां पर बस सकता है।  केंद्र सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लेते हुए इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है।  गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफेकिशन के अनुसार अब कोई भी व्यक्ति जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकता है।  हालांकि अभी खेती की जमीन को लेकर रोक जारी रहेगी। 

मंगलवार को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में भूमि स्वामित्व अधिनियम संबंधी कानून में बड़ा संशोधन करते हुए  देशभर के लोगों के लिए जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने का रास्ता साफ कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत लिया है।  इसके तहत कोई भी भारतीय अब जम्मू-कश्मीर में फैक्ट्री, घर या दुकान के लिए जमीन खरीद सकता है।  इसके लिए किसी तरह के स्थानीय निवासी होने का सबूत देने की भी जरूरत नहीं होगी।  हालांकि, अभी लद्धाख में यह लागू नहीं किया गया है। 

गौरतलब है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किया था, जिसके बाद 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया था।  गृह मंत्रालय ने हिंदी और अंग्रेजी में जारी 111 पृष्ठ की अधिसूचना में भूमि कानूनों में कई बदलाव किए हैं। इनके तहत कृषि भूमि का इस्तेमाल सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए करने की अनुमति दी गई है। जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव केंद्र के पास भूमि के निपटान से संबंधित संशोधन है। केंद्र ने कानून की धारा 17 के तहत ‘राज्य के स्थायी निवासी’ के वाक्य को हटा दिया है।
 

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सरकार के इस फैसले पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि, "हम चाहते हैं कि बाहर की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर में लगें, इसलिए इंडस्ट्रियल लैंड में इन्वेस्ट की जरूरत है।  लेकिन खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही रहेगी। "

केंद्र के इस कदम का जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा के कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया है। इन दलों ने कहा है कि केंद्र का यह कदम पूर्ववर्ती राज्य को ‘बिक्री के लिए पेश’ करने जैसा है। वहीं भाजपा ने कहा है कि इन संशोधनों से संघ शासित प्रदेश में ‘विकास की धारा’ बहेगी। इससे यहां प्रगति और समृद्धि का नया दौर शुंरू होगा।