ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से रू-ब-रू कराता हैं बीकानेर

इतिहास के साथ ही यदि आपकी कला और संस्कृति में दिलचस्पी है, तो आपको बीकानेर की सैर अवश्य करनी चाहिए। राजस्थान का नाम लेते ही आमतौर पर लोगों के जेहन में जयपुर, जोधपुर और उदयपुर जैसे शहर ही आते हैं, लेकिन इसके अलावा भी राजस्थान के घूमने लायक कई शहर है, इन्हीं में से एक है बीकानेर जो जयपुर से पहले राजस्थान की राजधानी हुआ करता था। राजे-रजवाड़ों के इस शहर में आपको ढेर सारे महल, हवेली और किले दिखेंगे। राजस्थान की एतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को सहेजे हुए है बीकानेर।

आप किसी भी शहर में हों, लेकिन आपने बीकानेरी भुजिया तो खाई ही होगी, लेकिन क्या आप बीकानेर शहर को जानते हैं। राजस्थान का यह शहर कभी अपने राजसी ठाठ-बाठ के लिए जाना जाता था। आज भी यहां मौजूद भव्य महल, किले और हवेलियां राजे-रजवाड़ों की भव्यता की कहानी बयां करते हैं। यहां के नमकीन और रसगुल्ले तो लाजवाब हैं परिवार के साथ घूमने के लिए भी यह शहर बेहतरीन है। यह घूमने की कई शानदार जगहे हैं।

श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर

महलों और किले के अलावा बीकानेर में कई मशहूर मंदिर भी है। श्री लक्ष्मीनाथ मंदिर यहां के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर 1526 में बीकानेर के महाराज लुंकारण ने करवाया था। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी बीकानेर के मुख्य देवी-देवता माने जाते हैं। यह मंदिर सफेद संगमरमर और लाल सैंडस्टोन से बना हुआ है।

जूनागढ़ फोर्ट

1593 में राजा राय सिंह ने इस भव्य फोर्ट का निर्माण करवाया था। इस किले की बनावट में मुगल, गुजराती और राजपूत शैलियों का मिश्रण देखा जा सकता है। किला बेहद सुंदर है और इसके अंदर अनुप महल, चंद्रा महल, हवा महल, डुंगर महल और दीवान-ए-खास और गंगा महल हैं। इसकी खूबसूरती ही पर्यटकों को यहां आकर्षित करती है।

लालगढ़ महल

राजस्थान की ऐतिहासिक-सांस्कृतिक विरासत को देखना हो तो बीकानेर का लागगढ़ महल ज़रूर देखें। यह महल शहर का मुख्य आकर्षण है और देश-विदेश से सैलानी इसे देखने आते हैं। इस महल को महाराजा गंगा सिंह ने 1902 में अपने पिता लाल सिंह की याद में बनवाया था। महल में वास्तुकला शैली का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है। 

करणी माता मंदिर

बीकानेर शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर देशनोक इलाके स्थित है करणी माता का मंदिर जिसे आम लोग चूहा मंदिर के नाम से पुकारते हैं। यह मंदिर पूरी दुनिया में मशहूर है। मंदिर की खासियत है यहां मौजूद सैंकड़ों चूहे। यहां कुछ सफेद चूहे भी हैं। ऐसी मान्यता है कि जिन्हें यह चूहें दिख जाएं वह बहुत भाग्यशाली होते हैं। 15वीं सदी में बने इस अनोखे मंदिर में आकर आपको एकदम अलग अनुभव होगा।

नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल

महल और किलों के साथ ही यहां सैर के लिए और भी बहुत कुछ है। उन्हीं में से एक है नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल। ऊंट देखने का मन हो तो यहां आ सकते हैं। आप यहां बेबी कैमल भी देख सकते हैं। बीकानेर में आप कैमल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं। यह शहर रेगिस्तान के जहाज कहे जाने वाले ऊंटों के लिए मशहूर है।